- पटना के 26 सेंटर्स पर आयोजित हुआ बीसीईसीई एग्जाम

- फिजिक्स रहा टफ, बायो के क्वेश्चंस थे आसान

- इस महीने के अंत तक आएगा रिजल्ट

PATNA: बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा (बीसीईसीई) की ओर से राज्य के मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए पटना के ख्म् सेंटर्स पर एग्जाम ऑर्गनाइज किया गया। इसमें स्टेट भर से 7क् हजार स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया। स्टेट भर से क्क्क् सेंटर पर बोर्ड ने एग्जाम की तैयारी की थी। दो घंटे के एग्जाम में क्भ्0 क्वेश्चन सॉल्व करना था, जिसमें हर चार पर एक मा‌र्क्स निगेटिव था। स्टूडेंट्स के लिए फिजिक्स सबसे टफ रहा। इसमें न्यूमेरिकल की उलझन ने उन्हें परेशान किया। निगेटिव मर्किंग को ध्यान में रखते हुए सबने ध्यान से क्वेश्चन सॉल्व किया।

मेन एग्जाम के लिए जुट जाएं

मार्गदर्शन के डायरेक्टर नीरज कुमार ने बताया कि केमेस्ट्री के तीन पार्ट आर्गेनिक, इनआर्गेनिक और फिजिकल केमेस्ट्री में सबसे ज्यादा क्वेश्चन आर्गेनिक से पूछे गए थे, जबकि सबसे कम फिजिकल से था। उन्होंने कहा कि असली परीक्षा अभी बाकी है। स्टूडेंट्स अभी से बीसीईसीई के मेन एग्जाम में जुट जाएं। वैसे ख्8 अप्रैल को जेईई मेन का रिजल्ट आना है, जिसके बाद एग्जाम्स का सिलसिला शुरू हो जाएगा।

अब सिर्फ रिवीजन करें

मेडिकल के लिए आने वाला क्ख् से क्भ् दिन बेहद महत्वपूर्ण है। गोल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर विपिन कुमार ने बताया कि अब समय सीमित है। अब सिर्फ रिवीजन करें। किसी नए क्वेश्चन में समय बिल्कुल न गंवाएं। इसके साथ ही लेट नाइट स्टडी करने से बचें, समय पर सोएं। तीन मई को होने वाले एआईपीएमटी पर ध्यान दें। मॉडल क्वेश्चन का रिवीजन को कर लें। उन्होंने कहा कि फिजिक्स में क्वेश्चन स्टैंडर्ड हो सकता है। अगर इसमें फ्0 क्वेश्चन तक सही बना लें, केमेस्ट्री में फ्भ् और बायो में 70 तक सही कर लें, तो सेलेक्शन में कोई शंका नहीं रहेगी। भ्00 से भ्ख्भ् तक में सेलेक्शन हो जाएगा।

ओवरऑल फिजिक्स टफ

बीसीईसीई के क्वेश्चन को एनालइज करते हुए गोल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर विपिन कुमार ने कहा कि फिजिक्स लास्ट ईयर से आसान था, पर इस बार के एग्जाम में ओवरऑल टफ फिजिक्स है। केमेस्ट्री में सबसे कम फिजिकल केमेस्ट्री से था क्वेश्चन। बॅायो से क्वेश्चन आसान था। रिजल्ट इस मंथ के एंड तक आने की संभावना है।

बॉयो मेमोरी बेस्ड था

फिजिक्स का न्यूमेरिकल सबसे अधिक टफ था। इस बारे में पाराडाइज इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ई.कुमार अजीत ने बताया कि इसमें टफनेस के कारण ही भ्0 में ख्ख् प्रश्न ही स्टूडेंट्स ने बनाए। इसमें बॉयो मेमोरी बेस्ड था। 90 परसेंट क्वेश्चन ऐसे थे। कान्सेप्ट बेस्ट मात्र क्0 परसेंट ही था। केमेस्ट्री आसान रहा। मैथ के सवालों में भी स्टूडेंट्स थोड़े परेशान हुए।