-स्कूली बच्चों को ढोने वाले पचास परसेंट से अधिक वाहनों के पास परमिट नहीं

-मानकों की अनदेखी कर व्हीकल संचालक रोड पर दौड़ा रहे स्कूली वाहन

ALLAHABAD: स्कूली वाहन चालकों की मनमानी किसी कदर हावी है। यह कुछ दिनों पहले लोगों को देखने को मिली जब ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने स्कूली वाहनों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया गया। उस वक्त डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने एक के बाद एक दर्जनों वाहनों को पकड़ा और उन्हें सीज किया। जांच के दौरान पता चला कि जिन वाहनों से स्कूली बच्चों को ढो रहे थे उनमें से अधिकतर या तो अवैध थे या फिर उनके कागज अधूरे थे। कई चालकों के पास तो ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं था। चौंकाने वाली बात ये है कि संचालकों द्वारा आरटीओ ऑफिस में वाहनों को किसी और काम के लिए रजिस्टर्ड कराया गया है लेकिन ये लोग चोरी छुपे यात्री गाड़ी के अलावा बच्चों को ढो रहे हैं।

सिर्फ 500 बसें रजिस्टर्ड

अवैध रूप से स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाले व्हीकल चालकों के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान जो हकीकत सामने आयी है वो चौंकाने वाली है। जानकारी के मुताबिक, डिस्ट्रिक्ट में पिछले साल 400 की तुलना में इस साल अब तक 500 बसें स्कूली वाहनों के रूप में पंजीकृत हुई हैं। इसके अतिरिक्त वैन, टैम्पो व मैजिक, थ्री व्हीलर या आटो रिक्शा भी बच्चों को ढो रहे हैं। जबकि इनमें से कोई वाहन आरटीओ आफिस में स्कूल व्हीकल के रूप में रजिस्टर्ड नहीं है। इनकी संख्या लगभग 300 है।

पैरेंट्स भी नहीं देते ध्यान

बच्चों को स्कूल से लाने और उन्हें वापस ले जाने की जिम्मेदारी वैसे तो पैरेंट्स की होती है। मगर आज की इस भाग दौड़ भरी लाइफ में समय का अभाव होने की वजह से पैरेंट्स भी मजबूरी में अपने बच्चों को स्कूल रिक्शा, ऑटो, वैन और बस से भेजते हैं।

17 वाहन हुए सीज

मंडे को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा सिटी के विभिन्न स्कूलों में अवैध वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया गया। अभियान की शुरूआत महार्षि पतांजलि स्कूल से शुरू हुआ। इसके बाद अभियान टीम द्वारा मेरी वानामेकर स्कूल, मेरी ल्यूकस व अंत में बीएचएस में चला। इस दौरान अभियान टीम ने कुल 17 वाहनों को बंद किया गया। इसमें 12 टैम्पों व पांच मारुति वैन शामिल हैं। इन सभी वाहनों को मोटर अधिनियम 1997 की धारा 207 के तहत बंद किया गया।

ये 14 निर्धारित बिंदु

-वाहन के सामने और पीछे स्कूल बस अंकित होना चाहिए

-किराए के वाहन पर ऑन स्कूल ड्यूटी प्रमुख रूप से अंकित हो

-निर्धारित क्षमता से अधिक संख्या में बच्चे नहीं बैठाए जाएं

-प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स होना अति आवश्यक

-स्कूल बस की खिड़कियों में हॉरिजंटल ग्रिल लगी हो

-अग्निशमन की उपयुक्त व्यवस्था हो

-बस पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नम्बर लिखा होना चाहिए

-चालक को कम से कम पांच साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव हो और साथ ही चालक का पूर्व में यातायात उल्लंघन का कोई इतिहास न हो

-चालक के अतिरिक्त वाहन में एक अन्य उपयुक्त योग्य व्यक्ति सहायतार्थ के लिए उपलब्ध रहे

-बस का दरवाजा अच्छी तरह से बंद होना आवश्यक है

-बच्चों के स्कूल बैग सुरक्षित रखने की व्यवस्था हो

-बस में स्कूल का कोई प्रतिनिधि या फिर टीचर होना चाहिए

-स्कूल बस का रंग गोल्डेन येलो विद ब्राउन या ब्लू लाइनिंग में होना चाहिए

-बस की सीटें आरामदायक हों, पावदान की उचित व्यवस्था हो व आपदा की स्थिति में दो अलग से गेट की व्यवस्था हो

वर्जन

दो दिवसीय अभियान की शुरुआत मंडे सुबह से हुई। इसके बाद कई स्कूलों के बाहर खड़े स्कूली वाहनों को चेक किया गया। कुल 17 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। ट्यूजडे को भी यह अभियान चलाया जाएगा। आगे भी समय समय पर ऐसे अभियान विभाग द्वारा चलाएं जाएंगे।

भीम सिंह, आरटीओ

इनसेट बॉक्स में

डाइवर्स ने किया हंगामा

दूसरी तरफ स्कूल वाहन मालिक ड्राइवर कल्याण समिति के सैकड़ों मेंबर्स ने ट्रैफिक लाइन पहुंच कर हंगामा किया। समिति के मनोज मिश्रा ने बताया कि आरटीओ द्वारा अवैध ढंग तरीके से स्कूली वाहनों को सीज कर रहे है। जबकि इस दौरान विभाग के अधिकारियों ने जिन वाहनों को पकड़ा उनके कागज सही थे फिर उनके खिलाफ डीएम के आदेश का हवाला देते हुए कार्रवाई की गई। इसके बाद सभी पदाधिकारियों ने कमिश्नर से मुलाकात कर मामले की जानकारी दी। जिस पर कमिश्नर ने सभी आश्वासन दिया कि जल्द ही इस विषय पर संबंधित अधिकारियों से बैठक के माध्यम से बात की जाएगी। इस अवसर पर मनराज मौर्या, कुलदीप तिवारी, दीपचन्द्र, रामबहादुर, अखिलेश मौर्या, बृजभान सिंह आदि मौजूद थे।