JAMSHEDPUR: शहर में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ बुधवार से नवरात्र भी शुरू हो रहा है। ऐसे में व्रतियों को सबसे अधिक डिहाइड्रेशन परेशान करेगा जो शरीर को कमजोर कर देता है। इसके बचाव के लिए अधिक मात्रा में तरल-पदार्थ का सेवन करने होंगे। शर्बत, दूध, मीठा, छांछ जैसे पदार्थ व्रतियों के लिए काफी लाभदायक होगा। व्रत के दिनों में संतुलित भोजन उचित मात्रा में न मिलने से शरीर कमजोर हो जाता है। ऐसे में रोगियों को अलग-अलग ढंग से परेशान करता है। जो व्रती नमकीन भोजन खाते हैं वे शुद्ध रूप से चावल, रोटी, दाल, सब्जी, मखाना, दूध, मिठाई छेना आदि ले सकते है। परंतु जो नमकीन भोजन नहीं लेते हैं वे दूध, शर्बत, फल, छेना, खोवा आदि का सेवन कर सकते है। मधुमेह एवं हाइपरटेंशन के मरीजों को विशेष ध्यान देने की आवश्कता है। ऐसी स्थिति में मधुमेह मरीजों में चीनी की कमी व अधिक होने की संभावना बढ़ जाती है और उनके लिए जानलेवा साबित भी हो सकती है।
मधुमेह से ग्रस्त रोगियों को नवरात्र में उपवास का फैसला अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद ही करना चाहिए। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही खतरनाक साबित बो सकती है। हालांकि व्रत रखने का फैसला निजी स्तर पर आस्था से जुड़ा है।
- नागेंद्रनाथ सिन्हा, डायटीशियन
निर्जला उपवास न रखें। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और अपशिष्ट पदार्थ शरीर के बाहर नहीं आ पाते। इस कारण पेट में जलन, कब्ज, संक्रमण, पेशाब में जलन जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
- प्रिया द्विवेदी, डायटीशियन
ये लोग करें परहेज
- डायबिटीज पीडि़त।
- गर्भवती महिलाएं।
- किडनी मरीज।
- हार्ट के मरीज।
- गैस के मरीज।
इन बातों का रखें ख्याल
- व्रत के दौरान सुबह-शाम प्रणायाम करें।
- व्रत की शुरुआत में भूख काफी लगती है। ऐसे में पानी में नींबू और शहद डालकर पिया जा सकता है। इससे भूख को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।
- एक साथ खूब सारा पानी पीने के बजाए दिन में कई बार नींबू वाला पानी पिएं।
- उपवास में अक्सर कब्ज की शिकायत हो जाती है। इसलिए व्रत शुरू करने के पहले चौलाई, त्रिफला, पालक का सूप या करेले के रस का सेवन करें। इससे पेट साफ रहता है।
कब क्या खाएं
- दिनभर में चार-चार घंटे के अंतराल पर भोजन का सेवन करें।
- सुबह का नाश्ता : सुबह साढ़े नौ बजे बजे दो केला व एक ग्लास दूध। साथ ही आलू को घी में फ्राई करके खाया जा सकता है। आलू में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- दोपहर का भोजन : साढ़े क्ख् बजे सिंघाड़ा या कूटू के आटे की रोटी बनाकर खाए। साथ ही फल या ताजा जूस लें।
- शाम का नाश्ता : साढ़े चार बजे फल, ड्राई फ्रूट, मूंगफली व जूस के साथ चाय पी सकते हैं।
- रात का भोजन : साढ़े आठ बजे फल, दूध, छेना, खीरा का रायता, साबूदाने की खीर व मखाना का सेवन करें।
व्रत तोड़ने के बाद क्या खाएं
- व्रत तोड़ने के बाद खिचड़ी, दही-चावल या दही चूड़ा लें। इसके बाद किसी और खाद्य पदार्थ का सेवन करें ताकि स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़े।