- दूसरों के चेक को हथिया कर कैश कराने वाले जालसाज को पुलिस ने पकड़ा

- लहुराबीर स्थित बैंक में कर रहा था चेक कैश कराने की कोशिश, पुलिस को जांच में मिले 11 चेक

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VARANASI : अपने बैंक चेक को लेकर आप लापरवाही बरतते हैं तो जरा सावधान हो जाइए। शहर में नटवरलाल सक्रिय हैं। वह आप के चेक को हथियाकर अपने उसमें भरे गए एमाउंट को उड़ा देंगे। इसका खुलासा गुरुवार को तब हुआ जब ऐसे ही एक चेक के जरिए जालसाज बैंक से रुपये लेने के चक्कर में था। कैशियर के सावधानी से चेतगंज पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पूछताछ में उसने चौंकाने वाली जानकारी दी है। वह पहले दूसरों के नाम के कई चेक कैश करा चुका है। जांच में क्क् चेक भी बरामद हुए हैं।

कैशियर की सावधानी से पकड़ा गया

दोपहर में एक व्यक्ति लहुराबीर स्थित एक बैंक पहुंचा। उसने कैश कराने के लिए कैशियर को 80 हजार रुपये का चेक दिया। चेक राकेश जी के नाम से था। कैश काउंटर पर बैठे नवल भारती को चेक पर कुछ संदेश हुआ। उन्हें एहसास हुआ कि उसके साथ छेड़छाड़ की गयी है। वह चेक देने वाले से पूछताछ करने लगे। उसने बताया कि वह एक संस्थान में कर्मचारी है और मालिक ने चेक दिया है कैश कराने के लिए। नवल संस्थान के मालिक से परिचित थे। उन्होंने उसके मालिक को फोन किया तो उन्होंने किसी तरह का चेक देने से इनकार कर दिया। मामला खुलते देख चेन देने वाला कैशियर को धमकी देने लगा। बैंककर्मियों ने तुरंत चेतगंज थाने को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस उक्त व्यक्ति को पकड़कर थाने ले आयी।

पॉवरलूम संचालक है जालसाज

पुलिस के पूछताछ में जालसाज ने अपना नाम मो। रजा निवासी तेलियाना (बजरडीहा) बताया। वह पावरलूम संचालक है। उसने पुलिस को जानकारी दी कि चेक के साथ छेड़छाड़ करके वह बैंक में उन्हें कैश करा लेता था। कुछ दिनों पहले उसने जालसाजी करके राकेश कश्यप के नाम से भ्0 हजार रुपये के एकाउंट पेई चेक को कैश करा लिया था। क्वींस कालेज के टीचर राकेश कश्यप के नाम से चेक उनके साले प्रदीप वर्मा ने जारी किया था। लहुराबीर स्थित बैंक के इस चेक को राकेश ने कैश करने के लिए बीएचयू स्थित बैंक में डाला था। मो। रजा की तलाशी में पुलिस को क्क् और चेक मिले हैं। यह उन्हें कैश कराने की फिराक में था।

ड्रॉप बाक्स में रहती थी नजर

मो। रजा ने बताया कि वह चेक को ड्रॉप बॉक्स से उड़ाता था। हर बैंक में चेक को डालने के लिए एक ड्राप बॉक्स किसी कोने में रखा हुआ रहता है। कन्ज्यूमर उसमें चेक डाल देते हैं। बैंककर्मी तय समय पर ड्रॉप बॉक्स से निकालकर कार्रवाई करते हैं। इस तरह के ड्राप बॉक्स ढेरों एटीएम में भी लगाए गए हैं। इसका फायदा मो। रजा उठाता था। वह बैंकों और एटीएम के चक्कर लगाता रहता था। जब भी मौका मिलता था चेक उड़ा देता था। नाम आदि में फेरबदल करके चेक को बैंक में ले जाकर कैश करा लेता था।

खुद के रखता था मेंटेन

जालसाज मो। रजा खुद को काफी मेंटेन रखता था। वह भ्0 हजार रुपये कीमत का मोबाइल इस्तेमाल करता था। एक लाख रुपये कीमत की बाइक से चलता था। महंगे जूते और कपड़े पहनता था। लोगों से बातचीत करने का अंदाज भी बिल्कुल स्टाइलिश था। उसके अंदाज और रहन-सहन के तरीके से कोई उस पर शक नहीं करता था। अगर कोई शक करता था भी तो बातों में माहिर मो। रजा उसे अपनी बातों से बरगला देता था। पुलिस जालसाज के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके और कारनामे उजागर करने में लगी हुई है।