इस वक्त इंडिया का त्योहार यानि आईपीएल पूरे शबाब पर है। जाहिर है सभी इसके सुरूर में डूबे हुए हैं। आपका लाडला भी इसमें पूरा इंट्रेस्ट ले रहा होगा, मगर ये इंट्रेस्ट अगर बावलेपन की हद तक दिखे, उसकी हरकतें कुछ अजीब लगे, मैच के समय वो घर से गायब रहने लगे, फोन या दूसरे हाई-फाई गैजेट्स में लगा रहे या फिर उसका बरताव एब्नॉर्मल लगे तो अलर्ट हो जाइये, ये न्यूज आपके लिए ही है। वो क्यों? जानिये अंदर के पेज पर।

IPL सट्टेबाजी में teenagers और youngers लगा रहे रुपये

रुपयों के लिए pocket money खर्च करने के साथ-साथ अपराध करने से भी नहीं कर रहे गुरेज

VARANASI :

Scene-1

सिगरा का रहने वाले मिस्टर शर्मा के बेटा हाई स्कूल एग्जाम के बाद रिजल्ट का वेट कर रहा है। दिन भर तो घर में रहता लेकिन आईपीएल के मैच शुरू होने से पहले बिना किसी को कुछ बताए गायब हो जाता है। कुछ दिनों बाद मम्मी ने चेक किया तो उसके सेविंग बैंक एकाउंट से काफी रुपये निकले थे। पूछने पर कुछ बताने के तैयार नहीं था। छानबीन करने पर पता चला कि बेटा काफी समय से आईपीएल मैचों पर सट्टा लगा रहा है। वह काफी रुपये हार चुका है।

Scene-2

नदेसर के रहने वाले मिस्टर चक्रवर्ती के बेटे का खर्च इन दिनों बढ़ गया। हफ्ते की बजाय हर दूसरे दिन पॉकेट मनी की डिमांड करने लगा। एक दिन घर पर लोग आए जिन्होंने बताया कि बेटे ने काफी रुपये लोगों से उधार ले रखे हैं। इन रुपयों से क्रिकेट मैच पर सट्टा खेलता है। मिस्टर चक्रवर्ती के पैरों तले जमीन खिसक गयी। बेटे के लिए हजारों रुपये वापस करने पड़े। जलालत झेलनी पड़ी वह अलग से।

ये सीन बताने के लिए काफी हैं कि इन दिनों क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वालों में टीनएजर्स और यंगस्टर्स की संख्या काफी अधिक है। वह भी अच्छी-खासी रकम लगा रहे हैं जिनके पास पॉकेट मनी के अलावा इनकम का कोई और जरिया नहीं है। वह जैसे-तैसे रुपयों का इंतजाम कर रहे हैं और सट्टा खेल रहे हैं। जीत की संभावना चाहे जो हो लेकिन हार पर उनके हाथ सिर्फ मायूस लग रही है। कुछ केस सिटी में ऐसे भी आए जिसमें सट्टा की रकम हारने वाल एक शख्स इतना टेंशन में था कि उसने सुसाइड कर लिया। इस खबर का मकसद आपका डराना नहीं बल्कि आगाह करना है। यदि आपका को लगता है कि आपका बच्चा भी सट्टेबाजी में इनवॉल्व है तो उस पर तुरंत लगाम लगाइए, किसी बड़ी वारदात होने के पहले।

हर किसी के निशाने पर

सट्टा मार्केट को ऑपरेट करने वालों की नजर टीनएजर्स और यंगस्टर्स पर जमी है। इनके जरिए मोटी कमाई कर रहे हैं। मार्केट की कम समझ और चालबाजियों की जानकारी नहीं होने की वजह से आसानी से शिकार हो जाते हैं। बनारस का सट्टा बाजार सटोरियों के इंटरनेशनल कनेक्शन से जुड़ा है। दुबई, पाकिस्तान, मुम्बई में मौजूद सटोरियों के लोकल एजेंट सिटी के अलग-अलग एरिया में एक्टिव होकर टीनएजर्स और यंगस्टर्स को अपनी जाल में फंसाते हैं। लोकल लेवल पर सट्टेबाजी का खेल रचने वाले के पसंदीदा क्लाइंट भी यही ग्रुप होता है। इसके अलावा दोस्तों के ग्रुप में आपस में सट्टा खेलते हैं। वह एक-दूसरे को ही रुपये लेते-देते हैं।

हर रोज लग रहा है दस करोड़

-बनारस के सट्टा मार्केट में डेली दस करोड़ रुपये का वारा-न्यारा हो रहा है

-इसमें से म्0 परसेंट रकम पेशेवर खिलाड़ी लगा रहे हैं। इनमें छोटे-बड़े बिजनेसमैन, वर्किग परसन शामिल हैं -सबसे अधिक रुपये साड़ी और सराफा के कारोबार में लगे बिजनेस के जरिए लग रहा है

-इस ग्रुप के जरिए लगने वाली रकम डेली लगभग चार करोड़ रुपये तक है

-दो करोड़ रुपये डेली वर्किग परसन या अन्य के जरिए लग रही है

-गार्जियन के दिये पॉकेट मनी पर डिपेंड टीनएजर्स और यंगस्टर्स के जरिए लगभग चार करोड़ रुपये सट्टा डेली लग रहा है

-इंटरनेशनल मार्केट से जुड़े सटोरियों से इस ग्रुप का सीधा कनेक्शन नहीं होता है, उनके लोकल एजेंट इन्हें डील करते हैं

-लोकल लेवल पर सट्टा खेलाने वाले इस ग्रुप से सीधे सम्पर्क में रखकर रकम लगवाते हैं

भारी पड़ रही यह लत

-कम उम्र के और अनुभवहीन सट्टेबाजों पर उनकी लत भारी पड़ रही है

-मार्केट की कम जानकारी और सटोरियों की चालबाजी में काफी रुपये गंवा बैठते हैं

-गंवा चुके रुपये वापस लाने के साथ ही जीत आस में रुपये लगाते चले जाते हैं

-उनके रुपये वापस आने के बजाय जाते ही रहते हैं

-सट्टा खेलने के लिए जरूरी रुपयों का इंतजाम पाकेट मनी, मनी बैंक, सेविंग एकांउट के जरिए होता है

-कई टीनएजर्स-यंगस्टर्स अपने सामानों को बेचकर रुपये जुटाते हैं

-कई तो रुपयों की लालच में अपराध की दुनिया में चले जाते हैं

-अधिक रुपये हारने से परेशान कोतवाली के एक युवक ने सुसाइड कर लिया था

टेक्नोलॉजी कर रही हेल्प

लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस टीनएजर्स और यंगस्टर्स को यही टेक्नोलॉजी सट्टा की ओर ले जा रही है। सटोरियों और उनके एजेंट्स के जाल सोशल नेटवर्किग साइट्स पर फैला हुआ है। यहां से वह शिकार को फंसा रहे हैं। सट्टा खेलने के दौरान भी टेक्नालॉजी का खूब उपयोग हो रहा है। वाट्सएप समेत कई और ऐप्स पर अलग-अलग ग्रुप के जरिए सट्टा की बोली लगती है। रुपयों का हिसाब-किताब भी इन ग्रुप्स पर हो जाता है। इससे मामला पुलिस तक पहुंचने का डर बेहद कम हो जाता है। बात की विश्वसनीयता भी रहती है।

टॉस से लेकर हार-जीत तक

-हर खेल की तरह आईपीएल में भी सट्टा हर मैच के टॉस से लेकर जीत-हार तक लग रहा है

-स्थिति अभी क्लियर नहीं है लेकिन चैम्पियन कौन होगा इस पर सट्टा लग रहा है

-किस टीम की क्या हालत होगी? इस पर भी सट्टा लगाया जा रहा है

-कौन खिलाड़ी अधिक रन बनाएगा? कौन बैट्समैन कितनी सेंचुरी लगाएगा? इस पर भी सट्टा लग रहा है

-सट्टा के मामले में बॉलर्स पर भी रुपये लगाए जा रहे हैं

-पहले ओवर कितने रन बनेंगे? इस पर भी सट्टा लग रहा है

-इसके साथ कितने रन पर कितना विकेट गिरेगा? इस पर भी सटोरिये रुपये लगवा रहे हैं

बच्चों पर रखें नजर

-बच्चा मैच देखने के अलावा उसमें कुछ अलग इंटरेस्ट दिखाता है तो उसे गंभीरता से लें

-बच्चों के पॉकेट मनी, सेविंग एकाउंट का हिसाब भी चेक कर लेना चाहिए

-बच्चों से दोस्तों की तरह बर्ताव करें ताकि सट्टेबाजी में इंटरेस्ट तो वह खुद आपको बता सके

-बच्चे को सट्टेबाजी को लत से बचाने के लिए उसके गड़बडि़यों को बारे में बताएं

-बच्चे के दोस्तों से उसकी एक्टिविटी के बारे में जानकारी ले सकते हैं

-बच्चे का मोबाइल चेक कर लेने से सट्टेबाजी का डिटेल मिल सकती है

-बच्चा सट्टेबाजी में इनवॉल्व है तो उसे समझाते हुए दूर रहने को कहें

फिलहाल शहर में सट्टेबाजी के बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। इस तरह की कोई शिकायत भी नहीं आ रही है। अगर कोई जानकारी मिलती है या इस संबंध में कोई कम्पलेन आती है तो कार्रवाई होगी।

सुधाकर यादव, एसपी सिटी