PATNA : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी, 2018 को पेश हुए आम बजट में गरीब रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को राहत देते हुए नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की घोषणा की थी। इसके तहत गरीब परिवारों का सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त इलाज होगा। इसके लिए उन्हें हेल्थ कार्ड बनवाना होगा जो सिर्फ आय प्रमाण पत्र के आधार पर ही बनता है। इस घोषणा के साथ ही पटना में फर्जी प्रमाण बनाने वालों को बड़ा नेक्सस तैयार हो गया। यह ऐसे दलालों का नेटवर्क है जो सिर्फ एक दिन के अंदर किसी भी व्यक्ति को गरीब बना देते हैं। दलालों का सारा खेल डीएम ऑफिस के सामने चल रहा है जिसकी भनक जिला प्रशासन को अभी तक नहीं लगी है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में पढिए दलाल किस तरह से प्रमाण पत्र में लोगों को गरीब बना रहे हैं।

-जैसा पैसा वैसा प्रमाण पत्र

डीजे आई नेक्स्ट को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि डीएम ऑफिस के बाहर आय और जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले दलाल सक्रिय है। मामले की हकीकत करने के लिए जब हमारी टीम मौके पर पहुंची तो चौंकाने वाली बात सामने आई। डीएम ऑफिस के बाहर दिखा कि कई दलाल गुजरने वाले लोगों से कम पैसे लेकर प्रमाण पत्र बनाने की बात कह रहे थे। बातचीत के दौरान एक दलाल ने बताया कि अगर 300 रुपए देंगे तो तीन दिन में प्रमाण पत्र मिलेगा और 200 रुपए खर्च करेंगे तो एक दिन में प्रमाण पत्र मिल जाएगा। लेकिन यह काम चलाऊ होगा।

-सरकारी ऑफिस से सेटिंग

बुधवार को जब हमारा रिपोर्टर ग्राहक बनकर उदय कुमार नाम के दलाल के पास पहुंचा। रिपोर्टर ने दलाल पूछा कि हेल्थ कार्ड में लगने वाला आय प्रमाण पत्र बनवाना है। क्या आप बना देंगे? तो दलाल ने कहा कि हां बन जाएगा। मगर तीन दिन का समय लगेगा अगर एक दिन में चाहिए तो दूसरे तरीके से बनेगा और उसकी कोई गारंटी नहीं रहेगी। रिपोर्टर ने पूछा कि यह तो सरकारी ऑफिस से बनता है क्या आप सरकारी कर्मचारी है तो उसने कहा मैं सरकार कर्मी नहीं हूं लेकिन सरकारी कार्यालय से अपनी सेटिंग है आप बस पैसे दीजिए और आय प्रमाण पत्र लीजिए।