-मूल्यांकन परीक्षा के दिन ले ली जाएंगी स्टूडेंट्स से सभी किताबें

-प्रखंड के 25 हजार स्टूडेंट ऊहापोह की स्थिति में

स्ढ्ढङ्खन्हृ/क्कन्ञ्जहृन्: इसे सिस्टम कहें या सरकारी लापरवाही, लेकिनच्बच्चों के माथे पर चिंता की लकीरें खिच गई है। एक-दो महीने पहले ही बच्चों को कई बार में किताबें दी गई। स्कूलों में स्टूडेंट अभी ठीक से पूरी किताबें पढ़े भी नहीं कि उसे लौटाने का फरमान मिल गया है। विभाग के इस फरमान से स्टूडेंट्स के साथ-साथ उनके पैरेंट्स भी ठगे से महसूस कर रहे हैं। किताब लौटाने की सूचना से प्रखंड के करीब 25 हजार स्टूडेंट के बीच ऊहापोह की स्थिति है।

10 महीने बिना किताब पढ़ाई

साल के दस महीने तो बिना किताब के ही बच्चों ने पढ़ाई की। जब किताबें मिली तो दो महीने में ही उसे लौटने का आदेश मिल गया है। अगले महीने मार्च में स्कूलों में वार्षिक मूल्यांकन होगी और शैक्षणिक सत्र भी इसी के साथ समाप्त हो जाएगी। मूल्यांकन की तिथि भी घोषित कर दी गई है। सरकार की मुफ्त किताब योजना काफी देर से स्कूल पहुंची। जनवरी तक किताब वितरण का कार्य कई स्कूलों में चला। और फरवरी में उसे लौटाने का आदेश मिल गया। मार्च में वार्षिक मूल्यांकन के दौरान जिस दिन जिस विषय की मूल्यांकन परीक्षा होगी उसी दिन बच्चों से किताबें वापस ले ली जाएगी।

बच्चों के वार्षिक मूल्यांकन से पहले वितरण की गई पुस्तकें वापस लेने का दिशानिर्देश स्कूल के प्रिंसिपलों को दिया गया है। वसूली गई किताबें फॉरमेट में भरकर ऑफिस भेजने हैं। पुस्तकों की स्थिति का रिपोर्ट देंगे।

-अजय कुमार, बीईओ