बंगलुरू पुलिस का गुडवर्क, ट्विटर से बचाई 21 लड़कियों की जिंदगी
ट्विटर अकाउंट से रुक रहा अपराध
बंगलुरू पुलिस कमिश्नर एमएन रेड्डी के ट्विटर अकाउंट ने महानगर के संगठित जुर्म की दुनिया में हड़कंप मचा रखा है. बंगलुरू पुलिस ने नौकरी देने वाली फर्जी एजेंसियों, ड्रग्स, फर्जी ई-कॉमर्स वेब साइट्स, जुओं के अड्डे सहित ऐसे कई मामलों का पर्दाफाश ट्विटर पर आई जानकारी के जरिये ही किया है. केवल अपराधियों पर ही नहीं कई पुलिस अधिकारियों पर इस ट्विटर अकाउंट पर आई सूचना के बाद ही कार्रवाई भी की गई है.
मंगलवार को पुलिस कमिश्नर के ट्विटर अकाउंट पर सूचना आई कि बंगलुरू के एजीपुरा स्थित घर में कुछ लड़कियों को जबरदस्ती बंधक बनाकर रखा गया है और उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जा रहा है. पुलिस कमिश्नर ने फौरन यह जानकारी डीसीपी (क्राइम) अभिषेक गोयल को दी.
पकड़ में आया वैश्यावृत्ति कराने वाला गैंग
डीसीपी अभिषेक गोयल ने सूचना पर एक्शन लेते हुए तत्काल क्राइम ब्रांच की एक टीम ट्वीट में दिए गए पते पर भेजी. पुलिस को ट्वीट में केवल पांच लड़कियों के बंधक बनाए जाने की सूचना मिली थी लेकिन छापे के दौरान वहां 11 लड़कियां मिलीं. इन सभी को अलग-अलग कमरे में बंद करके रखा गया था और उन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता था. गौरतलब है कि इन 11 लड़कियों में से तीन कोलकाता, तीन आंध्र प्रदेश, तीन महाराष्ट्र और दो कर्नाटक के अलग-अलग शहरों से हैं. हालांकि पुलिस को इस बात का मलाल है कि गैंग का सरगना राजेश और उसके साथी भागने में कामयाब हो गए. पुलिस ने मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति, बंधक बनाकर रखना और शोषण से जुड़ी विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
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