- जेईई मेंस एग्जाम में ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स ने दिया दम

- बेहतरीन रैंक हासिल कर राज्य का नाम किया रोशन

DEHRADUN: जेईई मेंस का रिजल्ट जारी होते ही कॉमन रैंक लिस्ट में आए कैंडिडेट्स के चेहरे खिल उठे। ओवर ऑल रिजल्ट की बात करें तो ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स को प्रदर्शन काफी सराहनीय रहा।

प्रदर्शन रहा बेहतर

जेईई मेंस में क्ख्वीं अपियरिंग और लास्ट इयर पासआउट कैंडिडेट्स आवेदन करते हैं। अपियरिंग कैंडिडेट्स ने जहां मौजूदा स्टडीज का लोहा मनवाया, वहीं बेस्ट रैंकर्स की बात करें तो इस बार ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। दरअसल कॉम्पिटीटिव एग्जाम की तैयारी करने के मकसद से ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स इंटर के बाद एक साल निरंतर कोचिंग करते हैं। ताकि प्रदर्शन को और बेहतर निखारा जा सके। यही वजह रही कि इस बार ड्रॉपआउट्स ने शानदार प्रदर्शन किया।

एक साल की तैयारी करने से कॉम्पिटीटिव एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन करने में काफी मदद मिली है। ब्राइटलैंड्स से क्ख्वीं करने के बाद लास्ट इयर मेंस एग्जाम दिया था, लेकिन आईआईटी के लिए क्वॉलिफाई करने में कमी रह गई। यही वजह रही कि इस साल दोबारा एग्जाम दिया। उम्मीद है कि इस बार आईआईटी मिलेगी।

---- सृष्टि डबोला, स्टूडेंट, ख्म्म् मा‌र्क्स

क्ख्वीं में 9भ्.म् मा‌र्क्स हासिल किए थे। मेंस एग्जाम में रैंक बहुत बेहतर नहीं आ पाई थी। इस साल मा‌र्क्स बेहतर आए हैं। आईआईटी के लिए पूरी मेहनत करूंगा।

------ नितिन मोरे, स्टूडेंट, ख्म्म् मा‌र्क्स

आईआईटी का सपना पूरा करने के लिए एक साल की मेहनत भी कम है। लास्ट इयर भी सिलेक्शन तो हुआ था, लेकिन कॉलेज मनपसंद नहीं मिला था। इसी लिए दोबारा एग्जाम में शामिल हुआ। अच्छे मा‌र्क्स हासिल कर एडवांस के लिए खुद के तैयार करना है।

---- वैभव शर्मा, स्टूडेंट, ख्क्ब् मा‌र्क्स

भाई ने टी-स्टॉल लगाकर मुझे पढ़ाया है। लास्ट इयर अच्छे मा‌र्क्स हासिल करने के बाद एनआईटी मिला। लेकिन भाई का सपना है कि मैं आईआईटी में जाऊं। उनका सपना पूरा करने के लिए दोबारा एग्जाम में शामिल हुआ। मेंस में ऑल इंडिया ख्ख्0भ् रैंक हासिल की है।

---- अंकित जैन, स्टूडेंट, ख्भ्क् मा‌र्क्स

ड्रॉपआउट कैंडिडेट्स का हर साल बेहतर रिजल्ट रहने का बड़ा कारण उनका फोकस्ड होना है। दरअसल साल भर फुल कॉन्संट्रेशन के साथ कैंडिडेट्स तैयारी करते हैं, यही वजह है कि प्रदर्शन बेहतर रहता है।

----- डीके मिश्रा, एमडी, अविरल क्लासेज