-आरएसएस के चिंतन शिविर में युवा स्वयंसेवकों को किया संबोधित

र्रून्स्नस्नन्क्त्रक्कक्त्र/क्कन्ञ्जहृन्: युवा अपने जीवन का लक्ष्य व्यक्तिगत उपलब्धि तक सीमित नहीं रखें। जब युवा राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करेंगे, तभी उनके जीवन का लक्ष्य पूरा होगा। ये बातें सरसंघचालक डॉ मोहनराव भागवत ने गुरुवार को कहीं। वे कांटी के सदातपुर स्थित भारती शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में आरएसएस के चिंतन शिविर के तीसरे दिन युवा स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवाओं को सिर्फ परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि विषय का पूरा ज्ञान अर्जित करना चाहिए। यही भारतीय ज्ञान की परंपरा रही है। युवा शाखाओं की संख्या भी बढ़ाएं। उसके लिए समाज के हर वर्ग के युवाओं को जोड़ें। शाखाओं के माध्यम से जरूरतमंद युवाओं को ऐसा रास्ता दिखाएं, जिससे वे जीवन के लक्ष्य से भटकें नहीं। संघ प्रमुख ने कहा कि समाज की मौजूदा बदहाली के लिए पलायन मानसिकता ही जिम्मेदार है। ऐसे में आशावान कार्यकर्ताओं पर युवाओं को संस्कारित करने और राष्ट्र निर्माण के अभियान में शामिल करने की जिम्मेदारी है।