महानगर इलाके में अकेला अस्पताल लेकिन डाक्टर नहीं

-महिलाओं को दूसरे अस्पताल किया जाता है रेफर

LUCKNOW: महानगर इलाके में भाऊराव देवरस संयुक्त चिकित्सालय अकेला सरकारी अस्पताल है, लेकिन आज भी यहां पर स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती न होने के कारण महिलाओं के इलाज की सुविधा नहीं है। इसके कारण हर रोज इलाज की आस में आने वाली महिलाओं को दूसरे अस्पताल रेफर करना पड़ रहा है।

डॉक्टर की पोस्ट ही नहीं

रविवार दोपहर बाद विकास नगर से आई ममता को गेट से कर्मचारियों ने वापस कर दिया। उन्हें लेबर पेन हो रहा था और नजदीकी अस्पताल होने के कारण परिजन यहां ले आए थे। पता चला कि डॉक्टर ही नहीं हैं तो परिजन उन्हें वीरांगना अवंतीबाई चिकित्सालय ले गए। दरअसल, यह रोज का हाल है। लोगों को अस्पताल में पहुंचने के बाद पता चलता है कि यहां पर आने का कोई फायदा नहीं है। यही नहीं अस्पताल में हार्ट के डॉक्टर की भी तैनाती नहीं है। जिसके कारण इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता। उनके लिए आवश्यक एक्विपमेंट तक उपलब्ध नहीं हैं।

मरीजों के वार्ड में रह रहे ड्राइवर

अस्पताल में सेकेंड फ्लोर पर आईसोलेशन के लिए सिंगल बेड के वार्ड हैं, लेकिन उनमें मरीजों की बजाए ड्राइवर और अन्य लोग रह रहे हैं जबकि यहां पर मरीज भर्ती होने चाहिए। पूछने पर एक कमरे से निकले ड्राइवर ने कहा कि सेकेंड फ्लोर पर इलाज नहीं होता। स्वाइन फ्लू और डेंगू वार्ड सिर्फ नाम के लिए बने हैं। आज तक किसी भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया। गौरतलब है कि अस्पताल में सेकेंड फ्लोर पर स्वाइन फ्लू और डेंगू वार्ड आइसोलेट करके बनाया गया है। पूरे अस्पताल में सबसे बेहतर वार्ड यही हैं, लेकिन इन पर अब तक एक भी मरीज भर्ती नहीं किया गया है।

संडे को डॉक्टर गायब

भर्ती मरीजों ने बताया कि संडे को कोई डॉक्टर देखने नहीं आता। शनिवार को डॉक्टर्स ने दवाएं लिख दी थी, वहीं इलाज नर्स करती रहती हैं। कोई दिक्कत होने पर मरीज इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के ही भरोसे रहते हैं। यही नहीं सीएमओ के निर्देश पर बनाई गई फीवर क्लीनिक भी संडे को ठप नजर आई।

गंदगी, सीवर से बुरा हाल

अस्पताल में इमरजेंसी के पास से बहती नाली और सीढि़यों पर भीषण गंदगी बीमारियों को दावत दे रही हैं। जबकि यहां पर लगभग एक दर्जन मरीज 24 घंटे भर्ती रहते हैं। गेट से प्रवेश करते ही इमजरेंसी के बगल में नालियां खुली हुई हैं।

कोट

हास्पिटल में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स और दवाएं उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से मरीजों को इलाज दिया जा रहा है।

डॉ। एके श्रीवास्तव, सीएमएस