हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज वीके दीक्षित ने दर्ज किया बयान, कुछ लोगों ने सौंपे साक्ष्य

जस्टिस दीक्षित ने कहा कि साक्ष्य देने वालों का नाम रखा जायेगा गोपनीय

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बीएचयू बवाल की न्यायिक जांच भी शुरू हो गई है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज वीके दीक्षित के समक्ष छात्र-छात्राओं एवं अन्य लोगों ने बयान दर्ज कराया। छात्राओं ने इस घटना के लिए बीएचयू प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया है। जस्टिस दीक्षित ने बीएचयू बवाल के बाबत साक्ष्य और जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास घटना के बाबत जानकारी है वह मुझसे मिल कर या बंद लिफाफे में लिखकर अपनी बात कह सकता है। उन्होंने कहा कि साक्ष्य देने वाले को लेकर पूरी गोपनीयता बरती जायेगी। उन्होंने बताया कि ईमेल आईडी जारी किया जायेगा जिस पर भी व्यक्ति उनसे संपर्क कर सकता है। रिपोर्ट के बाबत कहा कि जितनी जल्दी जांच पूरी होगी उतनी जल्दी रिपोर्ट सौंप दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जांच के हर छोटे से छोटे बिंदू पर गंभीरता से विचार किया जायेगा और साक्ष्यों के आधार पर ही रिपोर्ट तैयार की जायेगी। कहा कि छेड़खानी के अलावा लाठीचार्ज, आगजनी, पथराव आदि के बारे में पूरी जानकारी जुटायी जायेगी।

मजिस्ट्रेट को सौंपे साक्ष्य

बीएचयू बवाल मामले में छात्र-छात्राओं एवं बनारस के नागरिक समाज की ओर से लाठीचार्ज से जुड़े साक्ष्य प्रस्तुत कर कुलपति और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। मजिस्ट्रेट के समक्ष घटना के वीडियो फूटेज और समाचार पत्र में प्रकाशित सामग्री प्रस्तुत किया गया। मजिस्ट्रेट से मांग की कि मालवीय की प्रतिमा पर कालिख पोतने की अफवाह फैलाने के मामले में वीसी की भूमिका की भी जांच हो। इस कृत्य में शामिल सभी अधिकारियों एवं वीसी के संरक्षण पात्र छात्रों पर मुकदमा दर्ज किया जाए।