'इंस्पायर इंटर्नशिप साइंस कैंप' के तीसरे दिन बच्चों ने जाना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को

VARANASI

बीएचयू के बॉटनी डिपार्टमेंट की हेड प्रो। मधुलिका अग्रवाल ने स्कूली बच्चों को जलवायु परिवर्तन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट की वृद्धि पृथ्वी पर निवास करने वाले सभी जीवों के लिए खतरनाक है। कार्बन डाई ऑक्साइड के निर्माण में सर्वाधिक योगदान ईधन का है। जलवायु परिवर्तन न केवल बार-बार बाढ़ के लिए उत्तरदायी है बल्कि सूखा का कारक भी है। मौका था स्वतंत्रता भवन चल रहे पांच दिवसीय बीएचयू स्वतंत्रता भवन में चल रहे पांच दिवसीय 'इंस्पायर इंटर्नशिप साइंस कैंप' के तीसरे दिन का। स्टूडेंट्स को उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन का सबसे विकृत रूप ग्लेशियर पर देखने को मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक इनके पिघलने पर समुद्र का वृहद फैलाव हो सकता है जो मिथकों में चर्चित प्रलय का कारण बन सकता है।

बच्चों ने जाना जीव विज्ञान

जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रो। एसके त्रिगुण ने अपने बच्चों को वैज्ञानिक बनने की प्रक्रिया में विज्ञान, धर्म और संस्कार को जरूरी तत्व बताया। उन्होंने बताया कि प्रकृति में तमाम रहस्यमयी क्रियाएं चलती रहती हैं जिसे हम नहीं जानते हैं। विज्ञान इन्हीं रहस्यों का खुलासा करता है। उन्होंने यह भी बताया कि जैव रसायन के क्षेत्र में होने वाले शोध का सीधा संबंध चिकित्सा विज्ञान की प्रगति से है।

बच्चों ने देखा सांइस लैब

भ्रमण सत्र में बच्चों ने फिजिक्स, जूलॉजी लैब को देखा। बच्चों ने वहां के टीचर्स संग बातचीत की और वहां रखे यंत्रों से परिचित हुए। भ्रमण सत्र में कैंप के संयोजक प्रो। डीसी राय, प्रो। आरके पांडेय, प्रो। आरएन राय, डॉ। आनंद देव, डॉ। अजीत, मयंक सिंह आदि उपस्थित थे। सांध्यकालीन सत्र में डॉ। शांतनु मिश्रा ने छात्रों को योग विद्या द्वारा स्वस्थ रहने के गुर सिखाते हुए मानसिक शांति एवं एकाग्रता का पाठ पढ़ाया।