-VIT प्रेजेंट्स i next इंजीनियरिंग गेटवेज-2015 में मैनेजमेंट कंसल्टेंट राजीव खुराना से रूबरू हुए स्टूडेंट्स

-Experts ने स्टूडेंट्स को बताया बेहतर कॅरियर का फंडा, तो स्टूडेंट्स ने भी लगाई सवालों की झड़ी

VARANASI:

कोई आपको इडियट कहे तो आपका रिएक्शन क्या होगा? जाहिर है कि आप का मूड ऑफ हो जायेगा। पर यहां का नजारा तो कुछ और ही था। यहां सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स जुटे थे और सभी के सभी अपने आप को इडियट कह रहे थे। सब के सब पूरे जोश में 'आई एम एन इडियट' चिल्ला भी रहे थे। पर सवाल यह था कि ऐसा क्या हुआ कि वे खुद को इडियट मानने लगे थे? भाई उन्होंने खुद को इडियट माना था मैनेजमेंट कंसल्टेंट राजीव खुराना के कहने पर। पर ये रियल इडियट नहीं शहर के टॉप स्कूल्स के बेहतरीन स्टूडेंट्स थे। राजीव खुराना ने उन्हें खुद को इडियट मानने के लिए इंस्पायर किया था वह भी सॉलिड लॉिजक के साथ।

इंजीनियरिंग गेटवेज का आयोजन

खुद को इडियट कहने वाले ये सारे स्टूडेंट्स मंगलवार को वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी (वीआईटी) तथा जागरण जोश की ओर से आयोजित आई नेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज-15 में शामिल होने के लिए आये थे। मलदहिया स्थित गांधी अध्ययनपीठ में दो दिन के इस इंजीनियरिंग गेटवेज का पहला दिन था। इंजीनियर बनने की चाहत लिए और अपने इस ख्वाब को हकीकत में बदलने की सोच के साथ ये स्टूडेंट्स इस प्रोग्राम का हिस्सा बने।

बड़ा खास है यह ''idiot'

मैनेजमेंट कंसल्टेंट राजीव खुराना ने पहले इडियट को बड़ा खास वर्ड बताया। उन्होंने इडियट के आई को इंटेलिजेंट, डी को डिलिजेंट, आई को इंफॉ‌र्म्ड और ओ को आर्गनाइज्ड और टी को टैलेंट के रूप में डिस्क्राइब किया। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि अगर आप में इडियट बनने की क्षमता हो तो दुनिया का कोई भी कॅरियर आपके लिए आसान है। बस इतना सुनना था कि खचाखच भरे ऑडिटोरियम में बैठे स्टूडेंट्स खुद को इडियट बताने लगे। पूरे हॉल में 'आई एम एन इडियट' गूंजने लगा। राजीव खुराना ने स्टूडेंट्स को कुछ इसी अंदाज में इंजीनियर के हर लेटर को अलग अलग डिस्क्राइब किया और स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग के फील्ड में अपना कॅरियर बनाने के लिए मोटिवेट किया।

हर सवाल का मिला जवाब

बात शुरू हुई तो उससे हजार बात निकली और एक्सप‌र्ट्स ने उस हर बात का समाधान स्टूडेंट्स को दिया। एक्सप‌र्ट्स ने टाइम मैनेजमेंट, स्मार्ट वर्क जैसे विभिन्न मुद्दों पर स्टूडेंट्स के साथ चर्चा की। स्टूडेंट्स ने भी एक्सप‌र्ट्स से बहुत से सवाल पूछे जिसका उन्होंने जवाब दिया। एक्सप‌र्ट्स ने पेरेंट्स से कहा कि आप अपनी इच्छा बच्चों पर मत थोपिये और उन्हें अपनी चाहत के अनुसार कॅरियर चुनने का मौका दीजिए। इसके साथ ही उन्होंने स्टूडेंट्स से उनके पेरेंट्स की इच्छाओं का सम्मान करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि पेरेंट्स उन रास्तों पर चल चुके होते हैं जिन पर बच्चे चलने की सोच रहे होते हैं। इसलिए पेरेंट्स का एक्सपीरियंस बच्चों से हमेशा अधिक होता है।

अरे भाई, कॅरियर को दीजिए 9भ् घंटे

मैनेजमेंट कंसल्टेंट राजीव खुराना ने बहुत ही आसान तरीके से जिंदगी के गणित से स्टूडेंट्स को परिचित कराया। उन्होंने कहा कि आम आदमी अगर ख्ख् साल की उम्र से म्0 साल तक पर डे क्0 घंटे काम करता है तो इस दौरान वह तकरीबन 9भ् हजार घंटे वर्क करता है। उन्होंने कहा कि जिस काम को करने में हम अपनी जिंदगी के 9भ् हजार घंटे बिताने वाले हैं उसे चुनने में कम से कम ईमानदारी के 9भ् घंटे तो चाहिए ही। इन घंटों में आप अपने बेहतर के बारे में सोचिए और निर्णय लीजिए।

टॉम और जेरी भी आये थे

इंजीनियरिंग गेटवेज में कार्टून कैरेक्टर टॉम और जेरी भी आये थे और उन्होंने स्टूडेंट्स का खूब एंटरटेनमेंट किया। अरे भाई, यहां सचमुच के टॉम और जेरी नहीं आये थे। ये तो राजीव खुराना थे जो स्टूडेंट्स से अपने खास अंदाज में बातचीत के दौरान इन्हें ला रहे थे। उन्होंने स्टूडेंट्स से टॉम और जेरी बन जाने को कहा और उनके जरिये उन्हें कई खास बातें बताई। उन्होंने स्टूडेंट्स को 'आई विल डू इट' का नारा बुलंद करने को कह कर उनमें कुछ भी कर गुजरने का जज्बा भरा।

अफसोस नहीं, आज करिए जॉइन

यदि मंगलवार को आप इंजीनियरिंग गेटवे में पार्टिसिपेट नहीं कर सके तो अफसोस करने की कोई बात नहीं। आप बुधवार को इस वर्कशॉप को जॉइन कर सकते हैं। बुधवार को दो सेशन में ये प्रोग्राम मलदहिया स्थित गांधी अध्ययनपीठ में आयोजित होगा। आपको सिर्फ यहां सुबह 9 बजे या फिर दोपहर क् बजे पहुंचना होगा। ऑन द स्पॉट फ्री रजिस्ट्रेशन के साथ आप बिना एक रुपये खर्च किए एक्सप‌र्ट्स को जॉइन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन कराने पर वीआईटी किट और रिफ्रेशमेंट भी फ्री में मिलेगा।