-बीएचयू कैंपस में बंगलुरू की जूमकार कंपनी स्टूडेंट्स के लिए ला रही पीईडीएल साइकिल सर्विस

- एप बेस्ड इस सर्विस में एक रुपये में एक घंटे के लिए मिलेगी साइकिल

- बनारस सिटी में इसी सर्विस को शुरू करने के लिए नगर निगम से भी चल रही है बात

VARANASI

यदि आप शहर में जाम की समस्या से त्रस्त है। यदि आपको अब बाइक-कार से चलने में उलझन और घुटन होती है। यदि आप हेल्थ और इन्वायरमेंट कॉन्शस हैं। फिर समझिये आपके लिए अच्छे दिन आने वाले हैं। आपकी सेहत और शहर के पर्यावरण को सुधारने तथा ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए बंगलुरू बेस्ड कंपनी नई पहल कर रही है। वह दिन दूर नहीं जब शहर में जगह-जगह आपके लिए साइकिल्स उपलब्ध रहेंगी। एक रुपये प्रति 30 मिनट की दर से भुगतान करिये और साइकिल से आइये-जाइये।

बीएचयू कैम्पस से शुरूआत

बंगलुरू की जूमकार कंपनी जल्द ही आईआईटी बीएचयू से अपनी एप बेस्ड रेंटल साइकिल सर्विस शुरू करने जा रही है। कंपनी का ये प्रोजेक्ट पुणे में खासा पॉपुलर है। विदेशों की तर्ज पर इसमें आपको शहर में कहीं भी आने-जाने के लिए साइकिल किराये पर मिलेगी। साइकिल लेने, उसका किराया देने, उसे वापस जमा करने का पूरा सिस्टम हाईटेक और एप बेस्ड होगा। कंपनी की सभी साइकिल्स एडवांस मॉडल की गियर बेस्ड होंगी। बीएचयू कैम्पस से शुरूआत के बाद कंपनी वाराणसी सिटी में भी इस सर्विस को शुरू करने के लिए नगर निगम से बात कर रही है।

हो चुका है समझौता

साइकिल की इस नई सर्विस का नाम पीईडीएल है। इसके लिए आईआईटी बीएचयू और जूमकार कंपनी के बीच 27 फरवरी को समझौता भी हो गया है। इसके लिए आईआईटी बीएचयू के स्टूडेंट पार्लियामेंट के वाइस प्रेसिडेंट साई तेजा ने पहल की। जिसमें कंपनी शुरुआत में आधे घंटे के लिए एक रुपये चार्ज लेगी। जिसमें स्टूडेंट पूरे कैंपस सहित लंका तक कंपनी के पीईडीएल सायकिल से सफर कर पाएंगे। हालांकि यह रेट कुछ दिनों बाद अन्य शहरों की तरह हो जाएगा। खुशी की बात यह कि आने वाले दिनों में यह योजना पूरे शहर में लागू होगी। कंपनी के एरिया बिजनेस मैनेजर गुंजित सिंह ने बताया कि कंपनी बीएचयू कैंपस के लिए पूरा प्लान बना लिया है। हमारी कोशिश है कि अप्रैल बाद कैंपस में इसे प्रोजेक्ट को लांच कर दिया जाए।

आठवां शहर होगा बनारस

जूमकार की पीईडीएल सर्विस पुणे के अलावा कोलकाता, बंगलुरु, नई दिल्ली, जयपुर, हैदराबाद, मुंबई में चल रही है। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र बनारस आठवां शहर होगा जहां पीईडीएल की सेवा उपलब्ध होगी। आईआईटी के डीन ऑफ स्टूडेंट प्रो। बीएन राय ने बताया कि पं। मदन मोहन मालवीय की संकल्पना को देखते हुए कैंपस के पर्यावरण, यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की सेहत और दिन-प्रतिदिन बढ़ते ट्रैफिक लोड को कंट्रोल करने के लिए यह प्रयास किया गया है। देखना है कि इस अच्छी पहल को कितना रिस्पांस मिलता है। उम्मीद है स्टूडेंट्स इसका भरपूर लाभ उठाएंगे। होली बाद कंपनी साइकिल्स यहां आ जाने की उम्मीद है।

फ‌र्स्ट फेज में 150 सायकिल, हेलमेट भी

हाईलाइट्स

- फ‌र्स्ट फेज में जूम कार बीएचयू में 150 पीईडीएल साइकिल से शुरुआत करेगी। आवश्यकतानुसार इसकी संख्या को और बढ़ाया जाएगा।

- होली बाद 150 सायकिल बीएचयू पहुंच जाएगी। कंपनी इन हाइटेक साइकिल्स को हैंडल करने के लिए कैंपस में ही एक ऑफिस भी खोलेगी। जिसमें छोटा सा वर्कशाप भी होगा। ताकि सायकिल में खराबी आने पर उसे तत्काल ठीक किया जा सके।

- सुरक्षा की दृष्टि से साइकिल चलाने वालों को कंपनी साइकिल के साथ हेलमेट भी देगी और उसके लिए भी प्रति एक घंटे के हिसाब से एक रुपया लिया जायेगा।

क्यू आर कोड से खुलेगा लॉक

फार योर इंफार्मेशन

- कंपनी की सभी साइकिल्स यूनिसेक्स मॉडल की होंगी जिसमें लेडीज-जेंट्स दोनों चला सकेंगे।

- प्रत्येक साइकिल के फोर्क में डिजिटल लॉक होगा जो जूमकार एप के क्यूआर कोड के जरिये ही खुलेगा।

- हर साइकिल जीपीएस से लैस होगी जिससे साइकिल की पल-पल की लोकेशन कंट्रोल रूम में ट्रैक होगी।

- सभी साइकिल्स में इंटरनेशन गियर सिस्टम होगा जो बहुत ही स्मूद साइकिलिंग का एक्सपीयंस देगा।

- साइकिल के रेंट का पेमेंट पूरी तरह से डिजिटल होगा। यानि सर्विस एंड के बाद आपके अकाउंट से पेटीएम के जरिये पैसे कट जाएंगे।

- जूमकार एप से कोई भी अपने आस-पास उपलब्ध साइकिल की लोकेशन व संख्या पता सकेगा।

- ये एप प्लेस्टोर से किसी भी एंड्राइड फोन में डाउनलोड किया जा सकेगा।

- बिना एप के वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू.पीईडीएल.इन पर लॉगइन करके बुकिंग करना संभव होगा।

- भविष्य में इस सर्विस के रेगुलर कस्टमर्स के लिए मंथली पास की भी सुविधा दी जाएगी।

बीएचयू के बाद होगा बनारस शहर

आईआईटी बीएचयू में किराए पर सायकिल चलाने के प्रोजेक्ट को पंख लगते ही इसे शहर में भी आजमाया जा सकता है। कंपनी की पीआर हेड रूशाली के मुताबिक अभी कंपनी का पूरा फोकस बीएचयू कैंपस पर है। यहां प्रोजेक्ट के सक्सेस होने पर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। हो सकता है कि कंपनी इसे सिटी के अन्य यूनिवर्सिटी में भी लांच कर सकती है। इसके बाद ही शहर में लाया जाय। इसके पहले बीएचयू कैंपस ही टारगेट है।

वर्जन-------

स्टूडेंट्स फिट रहें और कैंपस का इको सिस्टम बनाये रखने के लिए यह प्रयास किया गया है। उम्मीद है इसका पाजीटिव रिजल्ट आएगा। इससे लोगों को भी सायकिल चलाने की प्रेरणा मिलेगी।

प्रो। राजीव संगल, डायरेक्टर

आईआईटी, बीएचयू

विभिन्न शहरों में सायकिलिंग के रेस्पांस को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को बीएचयू आईआईटी में लांच करने का प्लॉन बनाया गया। जिसमें हमें सफलता मिल गयी है। जल्द ही स्टूडेंट्स खास तरह की सायकिलिंग का लुत्फ उठा पाएंगे।

रूशाली, पीआर हेड

जूमकार, बंगलुरू