RANCHI : बहू बाजार स्थित बाइबिल सोसाइटी के 59 साल पूरे हो चुके हैं। यह सोसाइटी जनजातीय भाषाओं में बाइबिल का अनुवाद करती है। मुंडारी, संथाली (ओल्ड एंड न्यू टेस्टामेंट), माल्टो, मालपहाडि़या(न्यू टेस्टामेंट) और खडि़या के अलावा भोजपुरी में यह बाइबिल प्रकाशित कर चुकी है। सोसाइटी की सीनियर ऑग्जीलियरी सेक्रेटरी सोमा भाटकर ने बताया कि लोग अपनी मातृभाषा में प्रभु यीशु के बारे में जान सकें, इसके लिए लिए बाइबिल का अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कर प्रकाशन किया जा रहा है। बाइबिल के अनुवाद के लिए स्थानीय चर्चो के पादरी, लैंग्वेज एक्सपर्ट और अनुवादक का सहयोग लिया जाता है। अनुवाद का काम पूरा होने के बाद बाइबिल की प्रिंटिंग कोलकाता स्थित सपना प्रिंटिंग प्रेस और बेंगलुरू के ब्रिलिएंट प्रिंटर्स में होती है।

जरूरतमंदों की मदद

धार्मिक कार्यक्रम और बाइबिल का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद के साथ बाइबिल सोसाइटी गरीब, असहाय और जरूरतमंदों की मदद के लिए भी काम करती है। सोसाइटी के सदस्य कुष्ठ मरीज, विधवा और समाज के अंतिम पायदान में खड़े लोगों के लिए काम करते हैं। इतना ही नहीं, चर्चा की मांगों व जरूरतों को भी यह सोसाइटी पूरा करती है।

एडवेंट की तैयारी

चर्च के कैलेंडर में एडवेंट हमें यह रिमांइड कराता है कि प्रभु यीशु का आगमन काल आ रहा है। परमेश्वर की दृष्टि में ग्रहण योग्य बनने के लिए खुद को तैयार करो। हम पहले आगमन को याद करते हैं और फिर पुर्नआगमन की प्रतीक्षा करते हैं। आध्यात्मिक रीति से यीशु के आगमन की तैयारी करते हैं।

एसएस प्रसाद

प्रेम, दया, क्षमा, करुणा, धीरज जैसी अच्छी बातों को ग्रहण करने का संदेश यीशु ने इस दुनिया को दिया है। यीशु के संदेशों का अनुसरण करना हमारी जिंदगी के लिए हितकर है। अगर गलत करेंगे तो इसकी सजा मिलेगी। एडवेंट का सीजन आ चुका है। हमें आंतरिक रूप से इसकी तैयारी में जुट जाने की जरूरत है।

रेव्ह आनंद भेंगरा

मसीहियों को यीशु के द्वितीय आगमन की बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है। हर साल एवडेंट सीजन में हम आत्मिक रूप से इसकी तैयारी करते हैं। वास्तव में एडवेंट खुद को आत्मिक बनाने का सुअवसर है। ऐसे समय में ज्यादा से ज्यादा नेक काम करने चाहिए, ताकि अपने दिल को प्रभु के ग्रहण योग्य बना सकेंगे।

पूनम टोपनो

धार्मिक कार्य तभी सफल माने जाएंगे, जब हम सोशल रिस्पांसिबिलिटी पूरा करेंगे। एडवेंट का यही संदेश है। इस दौरान हम ईसा मसीह के पुर्नआगमन के लिए धार्मिक और आत्मिक रूप से अपने ह्रदय को ग्रहण योग्य बनाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि यीशु के संदेशों को फॉलो करें।

सोमा भाटकर