- खतरनाक है यह शाम, बैक्टेरिया और वायरस से बचने का करें इंतजाम

- 15 से 30 डिग्री के बीच टेंप्रेचर इनके एक्टिवेट होने के लिए सबसे फेवरेबल

GORAKHPUR: मौसम का मिजाज यूं तो गर्म हो चला है, लेकिन इसमें अब भी उठापटक का सिलसिला बंद नहीं हुआ है। सुबह से लेकर तक करारी धूप जहां परेशानी बढ़ा रही है, वहीं दूसरी ओर रात का मौसम भी चैन नहीं लेने दे रहा है। इस दौरान लोगों को सिहरन महसूस हो रही है। डॉक्टर्स की मानें तो मौसम का यह रुख सबसे डेंजरस है और इसे बिल्कुल लाइटली लेने की जरूरत नहीं है। इस दौरान जरा सी भी लापरवाही न सिर्फ आपको हॉस्पिटल पहुंचा सकती है। इससे उबरने के लिए आपको कई दिन का वक्त और पैसे भी बर्बाद हो जाएंगे।

सुबह से शाम में टेंप्रेचर धड़ाम

मौसम की उठापटक इस कदर है कि सुबह से शाम तक के बीच टेंप्रेचर में काफी फर्क देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटों की बात करें तो इस दौरान मैक्सिमम टेंप्रेचर 36.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था, वहीं दूसरी ओर मिनिमम टेंप्रेचर 17 डिग्री सेल्सियस रहा। इस तरह अगर टेंप्रेचर डिफरेंस की बात करें तो मैक्सिमम और मिनिमम टेंप्रेचर के बीच का डिफरेंस करीब 19 डिग्री सेल्सियस रहा। जोकि न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि आपको बीमार करने के लिए काफी है।

वायरस पनपने के लिए फेवरेबल

मौसम का बदलता रुख कई मायने में खतरनाक है। 15 डिग्री से 30 डिग्री के बीच का टेंप्रेचर बैक्टेरिया और वायरस पनपने के लिए सबसे फेवरेबल और सूटेबल होता है। डॉक्टर्स की मानें तो ह्यूज टेंप्रेचर डिफरेंस में बैक्टेरिया का पॉवर कई गुना बढ़ जाता है, इससे उनके डेवलप होने की स्पीड और रेश्यो में भी काफी बढ़त हो जाती है। इससे लोगों को बीमारियां घेरने लगती हैं। बासी चीजें, लंबे समय से रखे हुए फ्रूट जूस, कटे हुए फल उनके लिए सबसे ज्यादा फेवरेबल कंडीशन पैदा करते हैं, जिससे वह तेजी से पनपते हैं।

तेज धूप में न लें जूस

मौसम का दिन में जो मिजाज है, उस दौरान थोड़ा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। इस उठापटक के दौरान अगर आप मार्केट में हैं, तो तेज धूप के दौरान कटे-फटे फलों और सड़क पर मिलने वाले फल और फ्रूट जूस बिल्कुल न खाएं। डॉक्टर्स की मानें तो लंबे वक्त से कटे हुए फल और फ्रूट जूस में वायरस काफी तेजी से पनपते हैं। वहीं अचनाक बदले मौसम के मिजाज से इनके एक्टिव होने की स्पीड काफी तेज हो जाती है। इनके इस्तेमाल के डायरिया के साथ ही जी मिचलाना, अधिक प्यास, गले में खराश, पेट में जलन और अपच, उल्टी और दस्त, शरीर में खुजली, खांसी सर्दी और जुकाम बढ़ जाना, जैसी शिकायतें हो जाती हैं।

फ्रिज से निकालकर भी कुछ न खाएं

आम तौर पर यह देखा जाता है कि लोग फ्रिज में सामानों को रखे रहते हैं। उसके बाद जब उस चीज का इस्तेमाल करना होता है, तो उसे फ्रिज से निकालते हैं। वहीं टेंप्रेचर नॉर्मल हो जाए, इसके बाद वह उसका इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करना भी सेहत के साथ खिलवाड़ ही है। जहां तक पॉसिबल हो बासी खाने से परहेज करें। अगर आपने फ्रिज में कोई सामान रख भी दिया है, तो ठंडा होने पर ही इसका इस्तेमाल करें लें, अगर गर्म होने लायक चीज है, तो उसे तेज गर्म करने के बाद ही इस्तेमाल करें।

प्वाइंट्स टू रिमेंबर -

- ठंडे पानी से नहाए, नहाने के फौरन बाद कपड़े पहने

- नहाने के फौरन बाद एसी या कूलर के सामने आने से बचें

- बासी खाने न खाएं, वहीं देर समय से कटे फलों का इस्तेमाल न करें।

- लिक्विड डाइट का इस्तेमाल करें

- तब तक खाना न खाएं जब तक भूख न लगे

- पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहने और हेलमेट का इस्तेमाल करें

मौसम में इस वक्त जो टेंप्रेचर है, वह बैक्टेरिया और वायरस के लिए काफी फेवरेबल है। जहां तक हो सके, सावधानी बरतें। बासी खाने से बचें। बाहर का खाने से बचें और जहां तक पॉसिबल हो लिक्विड डाइट का इस्तेमाल करें।

- डॉ। संदीप श्रीवास्तव, फिजिशियन

यूं बदला टेंप्रेचर

ष्ठड्डह्लद्ग रूड्ड3 रूद्बठ्ठ

12 न्श्चह्मद्बद्य 36.3 17.0

11 न्श्चह्मद्बद्य 35.9 19.5

10 न्श्चह्मद्बद्य 34.8 21.2

09 न्श्चह्मद्बद्य 36.9 23.8

08 न्श्चह्मद्बद्य 37.9 21.8

07 न्श्चह्मद्बद्य 37.3 24.2

06 न्श्चह्मद्बद्य 35.1 22.6

05 न्श्चह्मद्बद्य 36.0 22.8