Jamshedpur: लोन लेने में धोखाधड़ी के इस मामले में सीबीआई की रांची स्थित आर्थिक अपराध शाखा में 11 नामजद सहित अन्य अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि जाली दस्तावेज के आधार पर जालसाजों ने बैंक को चूना लगाया है। यह जालसाजी वर्ष 2013 से 2015 के बीच दस हाउसिंग ऋण के एवज में की गई है। दर्ज प्राथमिकी के बाद सीबीआइ की टीम सभी आरोपितों के ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की। सीबीआइ को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं, जिसकी जांच की जा रही है। सीबीआइ को मिली प्रारंभिक सूचना के बाद पूरे मामले की छानबीन हुई तो कई जानकारियां मिलीं।

 

एक आरोपित निर्मल कुमार मिश्रा ने फर्जी पैन कार्ड व आइटीआर के आधार पर 28.80 लाख रुपये का ऋण लिया था। उसने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर 29.02 लाख की धोखाधड़ी की। उसने जिस जमीन को गिरवी रखा, वह चार भाइयों के नाम पर थी।

 

दूसरे आरोपी जोगेंद्र अग्रवाल ने जाली मतदाता पहचान पत्र व आइटीआर पर 39.20 लाख रुपये का ऋण लिया। उसने जिस जमीन को गिरवी रखा, वह उसके नाम पर ही नहीं थी। उसने अन्य के साथ मिलकर 41.1 लाख का चूना लगाया।

 

तीसरे आरोपित विनित पांडेय ने जाली मतदाता पहचान पत्र व आइटीआर के आधार पर पीएनबी से 21.60 लाख रुपये का ऋण लिया। जो जमीन गिरवी रखी, वह उसके नाम पर ही नहीं थी। उसका भी खाता एनपीए हो गया। उसपर कुल देनदारी 22.06 लाख रुपये रह गई।

 

चौथे आरोपित चंदन अग्रवाल ने जाली मतदाता पहचान पत्र व आइटीआर के आधार पर 24 लाख रुपये का ऋण लिया। उसने जो संपत्ति गिरवी रखी, वह थी ही नहीं। उसका भी खाता एनपीए हुआ। उसपर बैंक का कुल बकाया 24.40 लाख रुपये है।

 

पांचवे आरोपित अमरपाल सिंह ने फर्जी आइटीआर के आधार पर 23 लाख का ऋण लिया। जिस फ्लैट को गिरवी रखा, वह है ही नहीं। उनपर पीएनबी का 22.10 लाख रुपये बकाया है।

 

छठे आरोपित चंदन घोष ने फर्जी पैन कार्ड व आइटीआर के आधार पर 29.50 लाख रुपये ऋण के रूप में लिया। जिस जमीन को गिरवी रखा, वह जमीन सीएनटी एक्ट के अधीन थी। खाता एनपीए हो गया। उसपर बैंक की कुल देनदारी 30.72 लाख रुपये है।

 

सातवें आरोपित दीपेश कुमार सेन ने फर्जी आइटीआर के आधार पर 32 लाख रुपये का ऋण लिया। गिरवी संपत्ति अधूरी मिली। इस तरह पीएनबी का कुल 32.33 लाख रुपये का बकाया रह गया।

 

आठवें आरोपित अनीश कुमार सिंह ने जाली मतदाता पहचान पत्र व आइटीआर पर 21.60 लाख रुपये का ऋण लिया। उनपर बैंक का 22.77 लाख रुपये का बकाया है।

 

नौवें आरोपित देवजीत बोस ने जाली मतदाता पहचान पत्र व आइटीआर पर 28.80 लाख रुपये का ऋण लिया। जिस फ्लैट को गिरवी रखा, वह उसके नाम पर ही नहीं था। इस तरह बैंक का उसपर 29.42 लाख रुपये बकाया है।

 

दसवें आरोपित कुलवंत सिंह ने जाली मतदाता पहचान पत्र व आइटीआर के आधार पर 49 लाख रुपये का ऋण लिया। गिरवी संपत्ति भी जाली निकली। कुलवंत पर अब 48.24 रुपये की देनदारी है।

 

ग्यारहवें आरोपित हरजीत सिंह छह आरोपितों का पहचानकर्ता बने। अन्य चार आरोपित एक-दूसरे के पहचानकर्ता बने। यह भी बात सामने आई कि सभी ऋण लेने वाले हरजीत सिंह के कर्मचारी थे। हरजीत सिंह ने ही उन्हें ऋण लेने के लिए फर्जी दस्तावेज देने की सलाह दी थी।

 

ये हैं आरोपी

1. निर्मल कुमार मिश्रा : पिता पारस नाथ मिश्रा, सुभाष कॉलोनी, डिमना रोड, मानगो, जमशेदपुर।

2. जोगेंद्र अग्रवाल : पिता कैलाश अग्रवाल, हाउस नंबर 106, मोना रोड, भक्ति नगर, बरमा माइंस, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम।

3. विनित पांडेय : पिता उमाकांत पांडेय, रोड नंबर 01, दाईगुट्टू, मानगो, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम।

4. चंदन अग्रवाल : पिता किशोर अग्रवाल, हाउस नंबर 09, रामनगर, रोड नंबर 03, कदमा, जमशेदपुर।

5. अमरपाल सिंह : पिता बचन सिंह, कालीमाटी रोड, साकची, जमशेदपुर।

6. चंदन घोष : पिता जयदेव घोष, 01, पदमा रोड, परमाथनगर, परसुडीह, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम।

7. दीपेश कुमार सेन : पिता केएन सेन, न्यू कालीमाटी रोड, साकची, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम।

8. अनीश कुमार सिंह : पिता अरविंद सिंह, 10 नंबर बस्ती गोलमुरी, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम।

9. देवजीत बोस : पिता आशुतोष बोस, हाउस नंबर 82, भाटिया बस्ती, कदमा, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम।

10. कुलवंत सिंह : पिता स्व। हरि सिंह, गौरी शंकर रोड, जुगसलाई, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम।

11. हरजीत सिंह : पिता स्व। महेंद्र सिंह, लाइन नंबर 01, होल्डिंग नंबर 08, मनीफिट, टेल्को, पूर्वी सिंहभूम।

12. अन्य अज्ञात।