दरी बनाने की मशीन पर नरेश और बॉबी के हाथ दनादन चल रहे थे। उन्हें केवल इतना पता था कि ठेकेदार पंकज क्षेत्री ने उन्हें इस काम के लिए यहां बुलाया था। बिलारी मुरादाबाद के रहने वाले दोनों युवक इसी काम को करते हैैं। एक माह से बिना रूके बिना थके वे अपने काम को पूरी मुस्तैदी के साथ अंजाम देने में लगे हैैं। थर्सडे रात जब आई-नेक्स्ट टीम मौके पर पहुंची तो मशीन पर चल रहे उनके हाथ रूक गए। मामले को सेटल करने का प्रयास किया जाने लगा। जब कोई हथकंडा काम नहीं आया तो यह पासा फेंका गया कि इस काम के लिए प्रशासन से परमीशन ली गई है।

कैसे यहां पहुंची राहत सामाग्री?

राहत के नाम पर देश के विभिन्न शहरों से दून भेजे गए प्रिंट रेट लगे नए और ब्रांडेड कपड़े बिना देर किए फाड़े जा रहे थे। एक दो नहीं, बल्कि हजारों की संख्या में कपड़े किद्दूवाला के इस खाली प्लॉट पर पड़े हुए थे। इन्हें दरी बनाने के लिए यूज किया जा रहा था। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर ये कपड़े यहां कौन लेकर आया। आपदा के मारे तो आज भी मदद के इंतजार में बैठे हैैं फिर कौन है जिसनें उनके हक पर अपना हाथ साफ कर दिया। कपड़े तो दरी बनाने में यूज किए जा रहे हैैं, जबकि पीने के लिए दान दिए गए मिनरल वॉटर, बिस्किट, आटा, मसाले के पैकेट, रस्क के साथ ओढऩे के लिए कंबल भी उस कमरे में मिले जहां तैयार दरी रखी गई है। इन सबका क्या यूज हो रहा है बताने की जरूरत नहीं।

एक माह से चल रहा है काम

स्थानीय लोगों की मानें तो किद्दूवाला के इस प्लॉट पर बीते एक माह से धड़ल्ले के साथ काम चल रहा है। बीच-बीच में कांग्रेस की झंडा लगी एक गाड़ी आती है और कुछ देर रूकने के बाद वापस चली जाती है। दरी बनाने वाले बॉबी और नरेश बताते हैैं गाड़ी में ठेकेदार पंकज क्षेत्री आते हैैं। काफी दरियां वे अपने साथ ले गए। उनका क्या किया? किसे दिया? इस बाबत नरेश और बॉबी को कुछ पता नहीं। यह भी बड़ा सवाल है कि आखिर ये पंकज क्षेत्री नाम का शख्स कौन है, जिसके द्वारा किद्दूवाला के इस खाली प्लॉट पर दरी बनवाई जा रही है। क्या वह अकेला शख्स है जो इस काम को करवा रहा है या उसके पीछे कुछ और भी लोग मौजूद हैैं।

जहां के लिए आया था वहां क्यों नहीं गया

आपदा में राहत -बचाव कार्य को लेकर शुरू से ही सवालों में घिरी प्रदेश सरकार के लिए हर बार जवाब देना भारी पड़ा। बीजेपी ने तो आपदा राहत कार्य में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। स्थानीय लोग भी आपदा पीडि़तों की मदद के लिए आए सामान का कुछ और ही इस्तेमाल देख खासे हैरान थे। एक व्यक्ति ने कहा ये सामान जिनके लिए आया था उन तक क्यों नहीं पहुंचा। इस दौरान वहां मौजूद आम आदमी पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष रनवीर चौधरी ने कहा सच सभी के सामने है। सरकार को जवाब देना पड़ेगा कि राहत सामाग्री के कपड़े दरी बनाने में क्यों यूज किए जा रहे हैैं।

पकंज का नंबर बंद

दरी बनाने वाले नरेश और बॉबी ने बताया कि उनके ठेकेदार पंकज क्षेत्री ने इस काम के लिए डीएम साहब से परमीशन ले रखा है। हैरान करने वाली बात यह है कि क्या ये सब कुछ उनकी जानकारी में चल रहा है या फिर सरकार ने आपदा में बच गए कपड़े का दरी बनवाने के लिए किसी को हायर कर लिया है। किद्दूवाला में मिले नरेश और बॉबी ने अपने मोबाइल नंबर से पंकज क्षेत्री को फोन किया। पता लगा पंकज आउट ऑफ स्टेट हैैं। इसके कुछ समय बाद जब आई-नेक्स्ट द्वारा उनसे संपर्क करने के लिए उनके नंबर पर फोन किया गया तो मोबाइल लगातार स्विच ऑफ आता रहा। अब इसके पीछे कारण फोन का बैट्री डाउन होना था या कुछ और इसका पता तो पंकज क्षेत्री नाम के ठेकेदार से बात करने के बाद ही लग सकेगा।

स्पोट्र्स कॉलेज और किद्दूवाला कनेक्शन

दरअसल, आपदा के समय जब पूरे देश ने पहाड़ के अपने भाई बहनों के लिए दिल खोलकर राहत सामाग्री भेजी थी, उस समय स्पोट्र्स कॉलेज रायपुर को डंपिंग जोन बनाया गया था। सरकार के नुमाइंदे यहीं पर राहत सामाग्री को इकट्ठा कर लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही थे। किद्दूवाला के जिस प्लॉट पर ये राहत सामाग्री रखी गई है वह स्पोट्र्स कॉलेज से अधिक दूर नहीं है। रायपुर के अंदूरनी रास्ते से यहां आसानी के साथ पहुंचा जा सकता है। नरेश और बॉबी बताते हैैं यहां ट्रक में भर कर कपड़े लाए गए थे। उन्हें ये भी बताया गया है कि सभी कपड़े की दरी बनने के बाद और भी कपड़े यहां लाए जाएंगे। दोनों के मुताबिक, उन्हें तीन माह का ठेका दिया गया है।

आप ने की जांच की मांग

राहत सामाग्री के नाम पर भेजे गए कपड़े की दरी बनता देख आम आदमी पार्टी ने कड़ा एतराज व्यक्त किया। मौके पर पार्टी के रनवीर चौधरी, नरेश रावत, आबिद, अश्वनी पांडेय, हरदेश कुमार, मयंक नैथानी, सोमेश, सुनिता सहित अन्य भी मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में कहा आपदा राहत के नाम पर लोगों ने दिल खोलकर मदद भेजी। उसकी दरी कैसे बनाई जा सकती है। ये एक बड़ा षडयंत्र दिखाई दे रहा है, जिसे आम आदमी पार्टी जनता के सामने लाकर रहेगी। मासूम बच्चों के लिए भेजे गए नए कपड़े क्या दरी बनाने के काम आते हैैं। ये संवेदनहीनता की हद है।

हमें एक माह पूर्व ठेकेदार पंकज क्षेत्री ने मुरादाबाद के बिलारी से देहरादून दरी बनाने के लिए बुलाया था। ये कपड़े भी हमें ठेकेदार ने ही दिए हैैं। अभी आगे भी काम चलना है।

नरेश और बाबी

ये बेहद शर्मनाक बात है कि आपदा में मदद के लिए भेजे गए कपड़ों की दरी बनाई जा रही है। ये काम कैसे किया जा रहा है इसका जवाब सरकार और प्रशासन को देना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को सड़क पर आम जनता के समक्ष उठाएगी।

रनवीर चौधरी, लीडर आम आदमी पार्टी