- ग्राफिक एरा में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में देश दुनिया के एक्सपर्ट हुए शामिल

- समस्याएं सुलझाने के नए गणितीय फार्मूले किए गए पेश

DEHRADUN: ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में रोजमर्रा की जरूरतों और उद्योगों की क्षमता बढ़ाने के लिए विशेषज्ञों ने नए गणितीय मॉडल प्रस्तुत किए। यूनिवर्सिटी में ऑर्गनाइज हुई दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में आखिरी दिन दुनिया के गणित विशेषज्ञों ने मछली पालन, रोजगार, आपदाओं से लेकर औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने तक के लिए अपने शोध के आधार पर नए गणितीय फार्मूले रखे।

विशेषज्ञों ने पेश किए गणितीय मॉडल

कॉन्फ्रेंस में भारत समेत छह देशों के म्म् प्रमुख संस्थानों और विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। शनिवार को पौलैंड के प्रो। जोजफ कोरबिग्ज ने किसी भी उद्योग या संस्थान के मशीनी सिस्टम के गड़बड़ाने की जांच के लिए गणितीय मॉडल प्रस्तुत किया। भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता के प्रो। प्रसून दास ने अपने शोध पत्र में औद्योगिक सांख्यिकी डिजाइन को फेल होने से बचाने के लिए एक नई कंप्यूटराइज गणितीय प्रणाली की जानकारी दी।

उद्योगों में गणित की उपयोगिता बताई

जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता के प्रो। केएस चौधरी ने मछली पालन और पोल्ट्री फार्म उद्योग को गणित से जोड़ा। उन्होंने गणितीय सिद्धांतों पर आधारित किफायती जन्तु प्रणाली पर प्रजेंटेशन दिया। प्रो। प्रीति कुमार रॉय ने जट्रोफा से बायोडीजल बनाने के प्लांटों का उत्पादन तेजी से बढ़ाने के लिए गणितीय मॉडल सामने रखा। जापान के हिरोशिमा विश्वविद्यालय के प्रो। तदाशी दोही ने तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की। ग्राफिक एरा ग्रुप के चेयरमैन डा। कमल घनशाला ने विदेशी प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों से गणित के क्षेत्र में दुनिया में होने वाले शोध की प्रगति और भविष्य की संभावनाओं पर बातचीत की। कॉन्फ्रेंस के कनवीनर डा। मांगेराम ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में भारत, चीन, जापान, कोरिया, नाइजीरिया, कोरिया आदि के म्म् संस्थानों के विशेषज्ञों और शोध छात्रों ने क्क्क् रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में यूनिवर्सिटी के गणित विभागाध्यक्ष प्रो। आरपी त्रिपाठी ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। इस मौके पर काफी संख्या में स्टूडेंट्स और स्टाफ मेंबर्स मौजूद रहे।