- सीसीआईएम ने एक शासकीय और एक निजी कॉलेज को नहीं दी मान्यता

PATNA : बिहार में आयुर्वेद पद्धति से इलाज करने वाले डॉक्टरों की कमी हो जाएगी, क्योंकि कॉलेज की व्यवस्था खराब होने के चलते हर साल आयुष मंत्रालय से मान्यता नहीं मिल रही है। इस साल भी दो कॉलेजों को मान्यता देने से रोक दिया गया। इसमें एक शासकीय और एक प्राइवेट कॉलेज शामिल है। प्रदेश में आठ आयुर्वेद कॉलेज में से सिर्फ चार कॉलेज ही चल रहा है।

आयुष मंत्रालय से ख्0क्म्-क्7 सत्र के लिए दो कॉलेजों को फिर से मान्यता नहीं दी गई है। सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन(सीसीआईएम) की टीम के रिपोर्ट के बाद कॉलेज को मान्यता नहीं दी गई। रिपोर्ट में कॉलेज में प्रोफेसर सहित अन्य मूलभूत सुविधा की कमी पाई गई। उधर, आयुर्वेद कॉलेजों को लेकर राज्य सरकार भी ध्यान नहीं दे रही है। प्रोफेसरों के रिटायर्ड होने के बाद भर्ती नहीं हो रही है। जानकारों का मानना है कि कॉलेज की व्यवस्था जल्द दुरुस्त नहीं हुई तो प्रदेश से आयुर्वेद पद्धति और डॉक्टरों की भारी कमी हो जाएगी।

- इन कमियों के चलते नहीं मिली मान्यता

ख्0क्म्-क्7 सत्र के लिए प्रदेश के दो और नए कॉलेजों को मान्यता नहीं दी गई है। इसमें बेगूसराय के राज्यकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय और गया के आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज को मान्या नहीं मिली। सीसीआईएम टीम के निरीक्षण के दारैान कॉलेजों में स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रोफेसर सहित आईपीडी और अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी पाई गई।

- ऐसे मिलती है कॉलेजों को मान्यता

प्रदेश के आयुर्वेद कॉलेजों को नए सत्र के मान्यता को लेकर सीसीआईएम को मार्च-अप्रैल में आवेदन करना होता है। इसके बाद सीसीआईएम से दो से तीन अधिकारियों की टीम कॉलेज पहुंचती है, जो कॉलेजों में प्रोफेसर, स्टूडेंट्स की संख्या के अलावा फैकेल्टी सहित अन्य सुविधाओं की जांच करते हैं। उसकी रिपोर्ट बनाकर सीसीआईएम के एग्जीक्यूटिव मेम्बर को सौंपी जाती है। वहां रिपोर्ट देखने के बाद आयुष मंत्रालय भेज दिया जाता है। नियमों के तहत आने वाले कॉलेजों की मान्यता जारी की जाती है।

- इन कॉलेजों को मिली है मान्यता

-मोतीसिंघ जागेश्वरी आयुर्वेद कॉलेज एंड हॉस्पिटल छपरा - ब्0 यूजी - प्राइवेट

- जुल्फीकार हैदर यूनानी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सीवान - भ्0 यूजी - प्राइवेट

- नीतिश्वर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मुजफ्फरपुर - भ्0 यूजी और क्ख् पीजी - प्राइवेट

- ध्यानांदा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सीवान - भ्0 यूजी और 8 पीजी - प्राइवेट

नए सत्र की मान्यता के लिए कॉलेज प्रबंधन को आवेदन करना होता है। सीसीआईएम के अधिकारी कॉलेज में विजिट कर रिपोर्ट सौंपते हैं। इसके बाद ही कॉलेज को मान्यता मिलती है। विजिट के दौरान कोई कमी मिलती है तो मान्यता नहीं मिलती है। बिहार के दो कॉलेजों में फैकेल्टी सहित अन्य सुविधाओं की कमी पाई गई थी, इसलिए मान्यता नहीं मिली है।

-डॉ। मंतोष कुमार झा, सदस्य, सीसीआईएम

लगातार आयुर्वेद कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलने से प्रदेश में आयुर्वेद डॉक्टरों के साथ आयुर्वेद पद्धति खतरे में पड़ जाएगा। राज्य सरकार को आयुर्वेद पद्धति और डॉक्टरों के प्रति सोचने की जरूरत है।

- डॉ। राकेश पांडेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन