-ये है बिहार के विकास की जमीनी हकीकत

PATNA: बिहार सरकार ने हाल ही में विकास के आंकड़े जारी कर पूरे देश को चौंका दिया है। ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट के मामले में बिहार की ग्रोथ मीड टर्म नेशनल एवरेज से भी ज्यादा है। क्या आंकड़े ये कह रहे कि बिहार की स्थिति सुधर गई है? क्या इन आंकड़ों से बिहार की असल स्थिति का पता चल रहा है? दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की इस इंवेस्टिगेटिव रिपोर्ट में देखिए आंकड़ों की असल स्थिति। इन आंकड़ों को देखें तो पता चलेगा कि भले ही विकास दर में राज्य देश के एवरेज से आगे हो लेकिन असल में इसकी रफ्तार आधी है। पिछले वर्षो की तुलना में काफी पीछे खिसका है।

दर आधी फिर कैसे आगे

कई वर्ष से बिहार का ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट क्भ् से ख्0 फीसदी रहा है। बेस ईयर बदलने से ख्0क्म्-क्7 का आंकड़ा कुछ बदला है। यह लगभग आधा हो गया है। नीति आयोग द्वारा हाल में जारी रिपोर्ट में सामने आया है कि फाइनेंशियल रिफॉ‌र्म्स में बिहार कई मोर्चे पर पीछे है, मसलन यहां प्राइवेट सेक्टर के बिजनेस के लिए माहौल, फार्मर कंज्यूमर मार्केट, कॉन्ट्रेक्ट फार्मिग, ई ट्रेडिंग सहित कई महत्वपूर्ण सुधार अभी नहीं हुए हैं। बिहार में मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री क् परसेंट दर से बमुश्किल सर्वाइव कर रही है। इसे ठीक करने के लिए काफी इंवेस्टमेंट जरूरी है। सरकार पिछले कई वर्षो से कोई इंवेस्टमेंट मीट नहीं किया है। बाहर से बिहार में काफी कम इंवेस्टमेंट आ रहा है।

समिट में अब झारखंड आगे

बिहार से अलग झारखंड ने इस साल इंवेस्टमेंट लाने के कई प्रयास किए। हाल में संपन्न हुआ मोमेंटम झारखंड काफी लोकप्रिय रहा। जिसमें फ् लाख करोड़ से अधिक का एमओयू साइन किया गया। एमपी, गुजरात व बंगाल भी हर साल बिजनेस मीट कर इंवेस्टमेंट अट्रैक्ट करता है। बिहार में इस तरह के कार्यक्रमों की कमी है।

जमीन पर ऐसा है विकास

एग्रीकल्चर: इस सेक्टर से बिहार की भ्0 फीसदी से अधिक आबादी का भरन पोषण होता है। प्राइमरी सेक्टर होने के बावजूद एग्रीकल्चर सेक्टर पिछले चार साल में 7 फीसदी की कमी झेल रहा है। इस सेक्टर का ग्रोथ -ख्.ख् फीसदी घटा है।

रियल स्टेट: रियल स्टेट सेक्टर तमाम तरह की परेशानियों से गुजर रहा है। पिछले वर्षो में इस सेक्टर गिरावट के साथ फ्.म् फीसदी का विकास दर्ज किया गया। हॉस्पिटलिटी का भी हाल कुछ ऐसा ही है।

बैंकिंग सेक्टर: ग्रामीण इलाकों में साल ख्0क्क् में म्0 फीसदी बैंक ब्रांच थे जो कि अब भ्भ् फीसदी बचे हैं। देश भर का ब्.8 फीसदी बैंक ब्रांच बिहार के पास है जबकि पॉपुलेशन में बिहार का शेयर 8.म् फीसदी है।

बिहार का विकास नहीं हो रहा। यह आंकड़ों की बाजीगरी है। सरकार कृषि, शिक्षा और हेल्थ सेक्टर का इंफ्रस्ट्रक्टर बेहतर करे। घोटाले हमें कमजोर कर रहे हैं। क्षेत्रीय असमानता बढ़ रही है। बाकी स्थानों को छोड़कर पटना, बेगूसराय ही आगे बढ़ रहा है। स्थिति भयावह होती जाएगी।

- प्रो। एनके चौधरी, आर्थिक मामलों के जानकार

हर सेक्टर पिछड़ता जा रहा है। सर्वे को बारीकी से समझने के बाद पता चलता है कि स्थिति काफी अलार्मिग है। सरकार को खुश होने के बजाए विभागों की मॉनीटरिंग पर ध्यान देना चाहिए, ताकि सभी सेक्टर का ध्यान दिया जा सके।

- सुशील मोदी, पूर्व उप मुख्यमंत्री