-एक साल में तैयार किया गया जीएसटी से वसूली का बड़ा लक्ष्य

-वाणिज्य कर अधिकारियों की बैठक में डिप्टी सीएम का निर्देश

क्कन्ञ्जहृन्: चालू वित्तीय वर्ष में सरकार जीएसटी से 20 हजार करोड़ रुपए कलेक्ट करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। इसे लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है और इसके हिसाब से काम करने को कहा गया है। मंगलवार को इसे लेकर वाणिज्य कर अधिकारियों के साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने समीक्षा बैठक की। उन्होंने नया सचिवालय के पीछे वाणिज्य कर विभाग के नए भवन के इनॉगरेशन के बाद अधिकारियों के साथ घंटों मंथन किए।

अफसरों को मिलेगा बड़ा टारगेट

वाणिज्य कर अधिकारियों की समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक जीएसटी के अन्तर्गत 20 हजार करोड़ राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य के बड़े करदाताओं पर फोकस करने का निर्देश दिया। पहली अप्रैल से लागू होने वाली ई-वे बिल के लिए विभाग के अन्तर्गत हेल्प डेस्क का गठन किया गया है जहां सम्पर्क कर कारोबारी और ट्रांसपोर्टर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

एक अप्रैल को लेकर है विशेष तैयारी

50 हजार से अधिक मूल्य के अन्तर राज्य माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था पहली अप्रैल से बिहार सहित पूरे देश में लागू की जा रही है। बिल जेनरेट होने में किसी परेशानी के निराकरण के लिए वाणिज्य कर विभाग के अन्तर्गत हेल्प डेस्क का गठन किया गया है। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में राज्य के अंदर भी माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जायेगी।

वित्तीय वर्ष में बड़ा प्रयास

सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले अप्रैल से जून तक 4,413 करोड़ और जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई 2017 से फरवरी 2018 तक 13,658 करोड़ रुपए राजस्व का संग्रह हुआ है। अधिकारी वित्तीय वर्ष के बचे दिनों में प्रयास कर 20 हजार करोड़ के राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पार करें। वैट की व्यवस्था के अन्तर्गत 2016-17 के दौरान राज्य के 597 बड़े कारोबारियों जिनका वार्षिक टर्न ओवर 50 से लेकर 500 करोड़ से अधिक था से कुल राजस्व का 73 परसेंट संग्रह हुआ था। इनमें 500 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाले 36 कारोबारियों से 47 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई थी।