साइड न देने पर मारी थी गोली

7 मई 2016 को बिहार में 19 साल के आदित्य सचदेवा स्विफ्ट कार से अपने दोस्तों के साथ गया लौट रहे थे। आदित्य के साथ दोस्त नासिर हुसैन, आयुष अग्रवाल, मो. कैफी, अंकित अग्रवाल भी थे। जानकारी के मुताबिक जिस रास्ते पर आदित्य की गाड़ी चल रही थी उसी पर जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी की लैंड रोवर गाड़ी भी थी। ऐसे में गाड़ी को साइड न मिलने पर रॉकी को गुस्सा गया। उसने पुलिस लाइन रोड पर आदित्य को गोली मार दी थी।

ये लोग अभियुक्त बनाए गए

12 वीं में पढ़ने वाले आदित्य सचदेवा की हत्या पर काफी बवाल हुआ। इस मामले के बड़े स्तर पर गहरे पॉलिटिकल लिंक होने की वजह से यह हत्याकांड काफी चर्चा में रहा। इसमें सबसे पहले रॉकी यादव और एमएलसी के बॉडीगार्ड राजेश कुमार नामजद अभियुक्त बनाए गए। इसके बाद इसमें दो नाम और बढ़े। इसमें रॉकी के पिता गया जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष बिंदेश्वरी प्रसाद उर्फ बिंदी यादव और उनके एक चचेरे भाई राजीव कुमार उर्फ टेनी यादव का नाम भी शामिल किया गया।

आखिर क्‍या हुआ था उस दिन गया की सड़क पर,जानें मर्डर और पॉलिटिकल लिंक की पूरी कहानी

तारीख ब तारीख मामला

7 मई 2016 को आदित्य की हत्या के बाद 9 मई को धारा 164 के तहत कोर्ट में चश्मदीद गवाहों का बयान लिया। इसी दिन बिंदी यादव और बॉडीगार्ड राजेश कुमार की गिरफ्तारी की गई। उसके बाद 10 मई को राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी को गिरफ्तार किया गया। वहीं 17 मई को आरोपी राजीव कुमार उर्फ टेनी यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया। 21 नवंबर को अदालत में इस मामले में आरोप गठित हुए। इसके बाद इस पूरे मामले 25 अगस्त 2017 को अदालत में सुनवाई पूरी हुई।

साथ मौजूद दोस्त मुकर गए

इस मामले के लिंक पॉलिटिकल फैमिली से होने की वजह से इसमें कई उतार-चढ़ाव आए हैं। जिस आदित्य सचदेवा के साथ उसकी गाड़ी में उसके दोस्त सवार थे। पहले तो उन्होंने इस मामले में समर्थन दिया लेकिन बाद में आरोपियों को पहचानने में मुकर गए। बतादें कि रॉकी यादव बिहार के एक सशक्त राजैनिक परिवार से है। इसके अलावा वह भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा रिनाउंड शूटर घोषित है। राइफल्स एसोसिएशन के सदस्य होने के नाते उसके पांच हथियार रखने का भी अधिकार है।

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