ऊर्जा निगम में मिलीभगत से बड़ा घोटाला

-कमर्शियल बिल्डिंग्स में एस्टीमेट के बिना ही दे रहे कनेक्शन

-बिजली चोरी को बढ़ावा, विभाग को लग रहा करोड़ों का फटका

आई एक्सक्लूसिव

मोहित शर्मा

Meerut। एक ओर आम शहरी को घरेलू कनेक्शन के लिए जहां बिजली दफ्तर के चक्कर लगाने से लेकर विभागीय कर्मचारियों की खुशामद कर उनकी जेबें तक गर्म करनी पड़ती हैं, वहीं कुछ कर्मचारी कमर्शियल इमारतों में थोक के भाव कनेक्शन जारी कर रहे हैं वो भी बिना एस्टीमेट के। बिजली कनेक्शन के इस खेल में ये मठाधीश लाखों का मुनाफा तो काट ही रहे हैं, साथ ही विभाग को करोड़ों का फटका भी लगा रहे हैं।

क्या है इस्टीमेट

दरअसल, कमर्शियल बिल्डिंग्स में कनेक्शन के लिए मालिक द्वारा विभाग में उसका आवेदन करना होता है। इस आवेदन पर विभाग बिल्डिंग का सर्वे कर उसका लोड व चार्ज तय करता है। एस्टीमेट के इस हिसाब में बिल्डर फीस के रूप में विभाग को मोटा राजस्व चुकाता है। इसके बाद ही उक्त बिल्डिंग को विभाग कनेक्शन जारी करता है। ताजा मामले विद्युत वितरण खंड चतुर्थ के गंगानगर क्षेत्र के हैं।

केस वन - आवासीय कॉलोनी गंगानगर एम-1 में जहां कमर्शियल मार्केट बनाकर खड़ा कर दिया गया है, वहीं बिजली अफसरों ने बिना एस्टीमेट बनाए ही मार्केट में कनेक्शन भी जारी कर दिया है।

केस टू - गंगानगर स्थित एन-33 में बिल्डर ने दर्जन भर दुकानों के साथ मार्केट खड़ा कर दिया। वहीं बिजली कर्मियों ने बिल्डर से सांठगांठ कर गुपचुप तरीके से बिना एस्टीमेट के ही दुकानों को कमर्शियल कनेक्शन जारी कर दिया।

केस थ्री - तीसरा मामला गंगानगर के ही केपी-10 का है। यहां पर भी विभाग के घाघ कर्मचारियों ने इस्टीमेट को धता बताते हुए कमर्शियल कनेक्शन जारी कर दिए।

जनता भुगतेगी खामियाजा

विभागीय कर्मचारियों की भ्रष्ट कार्य प्रणाली और घूसखोरी का खामियाजा कोई और नहीं बल्कि जनता-जनार्दन को भुगतना होगा। बिना एस्टीमेट और मानको के विपरीत दिए कनेक्शन अधिक लोड के कारण मेन लाइन में फॉल्ट का कारण बनेंगे, जबकि निर्धारित क्षमता के ट्रांसफामर्स पर अधिक भार पड़ने से ट्रांसफामर्स के जलने की समस्या विकट रूप ले लेगी।

मेरी जानकारी में मामला नहीं है। यदि ऐसा है तो दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रकरण की जांच कराता हूं।

-शैलेन्द्र चौधरी, एसडीओ गंगानगर

कमर्शियल बिल्डिंग में बिना एस्टीमेट कनेक्शन जारी करना गंभीर मामला है। संबंधित एक्सईएन को बोल कर मामले की जांच कराता हूं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-पंकज कुमार, चीफ इंजीनियर