PATNA : पित्त की थैली का कैंसर देश में सबसे अधिक बिहार में है। यह यहां के कुल कैंसर केसेज का क्8-ख्0 प्रतिशत है। यह राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी राज्य से अधिक है। जबकि अन्य राज्यों में यह औसतन पांच परसेंट ही है। इसका कारण खान-पान का घटिया स्तर और पानी में आर्सेनिक की मात्रा-ये दो मुख्य कारण हैं। ये बातें महावीर कैंसर संस्थान, पटना की एसोसिएट डायेक्टर एवं मेडिकल ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉ मनीषा सिंह ने व‌र्ल्ड कैंसर डे की पूर्व संध्या पर कही।

ओरल कैंसर सबसे ज्यादा

गौरतलब है कि सबसे अधिक कैंसर के मामलों में अब भी मुंह का कैंसर यानी ओरल कैंसर ही सबसे अधिक है। कारण है कि अभी भी बिहार में तंबाकू का सेवन करीब म्0 परसेंट से ज्यादा लोग कर रहे हैं। इस प्रकार यह कुल कैंसर का करीब ब्0 प्रतिशत से अधिक है।

लक्षण और सावधानी

यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि अन्य बीमारियों से भिन्न कैंसर एक साइलेंट किलर है जिसमें बॉडी सेल कहीं भी, कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इस संबंध में महावीर कैंसर संस्थान की ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट कीहेड डॉ मनीषा ने बताया कि सामान्य लक्षणों से इसे साबित करना मुश्किल है। हां, साल दो साल पर होल बॉडी चेक अप और पर्सननाइज प्रोफाइल को ध्यान में रखते हुए इसका पता किया जा सकता है। जैसे, उम्र, फैमिली हिस्ट्री, व्यसनी होना, पूर्व में किसी बीमारी का विशेष प्रभाव आदि। होल बॉडी चेक अप कराना सेफ रहता है। सावधानी के तौर पर अच्छा खान-पान और लाइफ स्टाइल मैनेजमेंट शामिल किया जा सकता है।

कुछ ऐसी बातें जिसे पढ़कर आप चौंक जाएंगे

भारत में सबसे अधिक गर्भाशय, पिताशय, मुंह और गले के कैंसर में बिहार आगे।

हार्ट अटैक के बाद कैंसर देश में मौत का दूसरा बड़ा कारण है।

वर्ष ख्0क्ब् में देश में लगभग पांच लाख लोग कैंसर से मरे।

इसमें बिहार से करीब भ्0 हजार लोग कैंसर से मरे।

80 से 8भ् प्रतिशत कैंसर केसेज लास्ट स्टेज में आते हैं ।

तंबाकू और उससे बने उत्पाद के बढ़ते चलन से हर वर्ष 80 हजार नए लोग कैंसर के शिकार हो रहे हैं।

कुल मौतों में फ्0 से म्0 वर्ष के आयु वर्ष के लोग थे शामिल।

वर्तमान में भ्0 प्रतिशत कैंसर तंबाकू इस्तेमाल के कारण

टीबी और लाइफ स्टाइल बीमारियों के बाद मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण कैंसर