- विभाग और कॉन्टै्रक्टर एक दूसरे पर लगा रहे हैं आरोप, 35 हजार कंज्यूमर्स बिल के लिए परेशान

- अगस्त के बिल के लिए लोग चक्कर लगाने के लिए मजबूर

 

GORAKHPUR: बिजली विभाग और बिलिंग कंपनी के बीच चल रही खींचातानी गोरखपुराइट्स को परेशान कर रही है। पब्लिक को आसानी देने के इरादे से शुरू की गई ऑनलाइन व्यवस्था भी साथ नहीं दे रही है। इसकी वजह से पब्लिक को आफिस के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है। हालत यह है कि इस माह सिटी के 35 हजार कंज्यूमर्स को बिजली का बिल ही नहीं मिल सका। ऐसे में बिल निकलवाने से लेकर बिल जमा करने के लिए लोगों को विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

 

आपस में शुरू हो चुकी खीचातानी

बिजली विभाग की पूरी टीम बजाए कंज्यूमर्स की प्रॉब्लम सॉर्ट आउट करने के राजस्व बढ़ाने में जुटी हुई है। हालत यह है कि विभाग के एंप्लाई दिनभर वार्ड में अभियान चला रहे हैं, लेकिन पब्लिक की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। घासीकटरा के मोहम्मद राशिद ने बताया कि उनके घर कई दिनों बिल नहीं आया, पहले उन्हें बिल निकलवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी, वहीं बाद में उन्हें बिल जमा करने के लिए घंटो पसीने बहाने पड़े। इस मामले में जब बिजली विभाग के ऑफिशियल्स से बातचीत की गई, तो विभाग के लोग बिलिंग कंपनी पर दोष लगा रहे हैं, वहीं बिलिंग कंपनी भी डाटा उपलब्ध न कराने की बात कह विभाग पर दोष मढ़ दे रही है। इन दोनों की आपसी तनातनी में जनता लगातार पिस रही है। सोर्सेज की मानें तो बिल के लिए पिछले 10 दिन से 2 हजार कंज्यूमर्स डेली ऑफिस का चक्कर लगाने के लिए मजबूर हो गई है।

 

100 कर्मचारियों की कमी

महानगर विद्युत वितरण निगम के एसई आरआर सिंह का कहना है कि जिस कंपनी को बिलिंग का ठेका दिया गया, वह प्रॉपर वे में काम नहीं कर रहे हैं। विभाग के साथ कॉन्ट्रैक्ट में यह कहा गया था कि शहर में 150 से अधिक कर्मचारी बिलिंग के लिए चाहिए, जिस पर उन्होंने 172 कर्मचारी तैनात होने की बात कही थी। मगर छह माह से केवल 72 कर्मचारियों के भरोसे बिल जनरेट हो पा रहे हैं। जिसके कारण हर माह 10 से 15 कंज्यूमर्स बच जाते हैं, लेकिन अगस्त माह में यह आंकड़ा 35 हजार के लगभग पहुंच गया है। इसको लेकर कंपनी को पत्र भी लिखा गया है कि वह अपनी स्थिति सही कर लें, नहीं तो कॉन्टै्रक्ट रद्द कर दिया जाएगा।

 

अपने कर्मचारियों से रीडिंग लेने की तैयारी

आरआर सिंह का कहना है कि पिछले एक माह से तीन एरिया में राजस्व वसूली के लिए चलाए जा रहे अभियान की सफलता के देखते हुए हमने वाराणसी मुख्यालय एक प्रपोजल भेजा है। इसमें महानगर विद्युत वितरण निगम के टीजी-2 के जो 100 से अधिक कर्मचारी हैं, उनको ही रीडिंग लेने में लगाया जाएगा। इससे विभाग के ही कर्मचारी काम करने लगेंगे, जिससे इनको कंट्रोल करने में काफी आसानी हो जाएगी।

 

इनके पास कर्मचारियों की बहुत कमी है। जिसके कारण यह कंज्यूमर्स को बिल नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस माह भी बहुत कंज्यूमर्स ऐसे हैं, जिनका बिल नहीं निकला है। इसके लिए कंपनी जल्द ही कोई कदम नहीं उठाती है तो उच्चाधिकारियों से कंप्लेन की जाएगी।

आरआर सिंह, एसई महानगर विद्युत वितरण निगम

 

कई कंज्यूमर्स का डाटा हमें नहीं मिला है, जिसके कारण इनका बिल नहीं निकल पाया। बिजली विभाग को पत्र लिखकर कंपनी ने अपनी प्रॉब्लम बता दी है। डाटा मिलते ही 100 परसेंट कंज्यूमर्स को बिल मिलने लगेंगे।

अभिज्ञान शुक्ला, स्टर्लिग कंपनी