कानूनी सलाह दी जाएगी

भारती एंटरप्राइजेज ने एक कानूनी सहायता सेवा शुरू करने की पहल की है। इस दौरान भारती ने 10 करोड़ रुपये के फंड के साथ 'न्याय भारती' चलाने का फैसला लिया है। इसमें गरीब परिवारों के कैदियों की कानूनी सलाह में मदद की जाएगी। इसके साथ ही जिला अदालत स्तर के विचाराधीन कैदियों की जमानत व मुचलके का भुगतान भी उनकी सस्था की ओर से किया जाएगा। अभी शुरूआती दौर में इस परियोजना के तहत 1 अप्रैल 2016 से दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में काम किया जाएगा। इसके बाद धीरे धीरे जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और राजस्थान जैसे दूसरे राज्यों में भी इस परियोजना के तहत लोगों की मदद की जाएगी। इतना ही नहीं इस परियोजना के तहत निष्पक्ष लोगों की एक जांच समिति मामलों की पूरी तह तक जाएगी। जिसमें यह तय होगा कि मामले में कैदियों की मदद करनी और किसमे मदद नहीं करनी है। वहीं इस न्याय भारती के संचालन बोर्ड के चेयरमैन के रूप में पूर्व मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद होंगे।

मामूली अपराधों में मदद

इसके अलावा इसके बाकी 12 सदस्यों में कई बड़े न्यायिक अधिकारी व मीडिया जगत के बड़े दिग्गज सलाहाकार शामिल होंगे। वहीं इस संबंध में भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल का कहना है कि आंकड़ो पर नजर डाले तो भारत की 1,387 जेलों में करीब 2,80,000 विचाराधीन कैदी बंद हैं। कई बार मामूली अपराधों में लोग पैसे व कानूनी सलाह के अभाव में सजा भुगत रहे होते हैं। जिससे अब उनकी यह सस्था लोगों की काफी तेजी से मदद करेगी। हालांकि इसमें सिर्फ मामूली अपराधों में लिप्त लोगों की मदद की जाएगी। इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि उन्हें खुशी है कि वह इस परियोजना का हिस्सा बन रहे हैं। जिससे उन्होंने अपने वेतन से 5 करोड़ रुपये कटवाने का फैसला लिया है। बताते चलें कि वित्त वर्ष 2014-15 में मित्तल को 27.17 करोड़ रुपये का वेतन मिला था।

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