RANCHI : रिम्स के बर्न वार्ड में इलाज करा रही महिला बिंदू देवी (ख्भ् वर्ष) ने शनिवार की सुबह रिम्स में दम तोड़ दिया। शव का पोस्टमार्टम करने के बाद बिंदु देवी का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया। मायकेवालों ने हरमू मुक्तिधाम में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पिछले दस दिनों से वह रिम्स में जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। बिंदु को आग लगाने के लिए प्रेरित करने के मामले में उसके पति रंजीत चौधरी को पंडरा पुलिस ने दो दिन पूर्व ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जबकि उसकी मौत के लिए जिम्मेवार अन्य गुनाहगार पुलिस की नजर में अब भी फरार है। महिला की मौत के बाद अब उसके मायकेवाले पुलिस से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे है। बिंदु के भाई सुबोध चौधरी का कहना है कि किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा।

क्9 मार्च की सुबह में लगाई थी आग

गौरतलब हो कि क्9 मार्च की सुबह में बिंदु देवी पर आरोप लगाया गया था कि वह गलत काम करती है। इस बात को लेकर उसके ससुराल में विवाद हुआ था। इसी बीच उसकी सास सुमित्रा चौधरी ने केरोसिन का डिब्बा लाकर उसके पास रख दिया था। खुद पर कलंक लगता देख बिंदु देवी ने केरोसिन छिड़क कर खुद को आग लगा ली थी। आग लगाने के बाद वह पानी-पानी चिल्ला रही थी, लेकिन उसे कोई पानी देनेवाला नहीं था। इस बाबत रिम्स में बिंदु देवी ने बरियातू थाना पुलिस को फर्दबयान दिया था। फर्दबयान में कमलजीत चौधरी, ओमप्रकाश चौधरी, गोतनी सीमा चौधरी, आरती चौधरी, सास सुमित्रा चौधरी तथा पति रंजीत चौधरी को आरोपी बनाया था।

खुद को निर्दोष साबित करने के लिए उठाया था कदम

रिम्स में दिए गए फर्दबयान के मुताबिक, बिंदु देवी ने कहा था कि क्8 मार्च की रात वह शौच के लिए गई थी। उसी क्रम में जब वह आंगन में थी तो किसी ने उसे धक्का दे दिया। जिससे वह गिरकर बेहोश हो गई। जब होश आया तो वह आंगन में गिरी पड़ी थी। इसी बीच उसका बच्चा रोने लगा। बच्चे को रोता देख घर के अन्य लोग भी पहुंचे और बिंदु पर गलत इल्जाम लगाते हुए उसे खुद को निर्दोष साबित करने को कहा। बिंदु ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए ही आग लगा ली थी।