एमएनएनआईटी में बॉयो संगम 2018 के दूसरे दिन का आयोजन

ALLAHABAD: एमएनएनआईटी में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन बॉयो संगम 2018 के दूसरे दिन की शुरुआत नेशनल युनिवर्सिटी आफ सिंगापुर के प्रो। गोंग जियान ने की। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को बताया कि वर्तमान समय में कैंसर से पीडि़त व्यक्ति को जैव प्रौद्योगिकी के नवीन शोधों के माध्यम से राहत मिल सकती है। इन्होंने लीवर कैन्सर का पता लगाने के लिए जेब्रा फिश पर शोध किया और ट्रान्सजेनिक परिवर्तन करके ग्लोफिश का आविष्कार किया जो जुगनू के रंग में 06 प्रकार की बनायी गयी। इसे अमेरिका में लोग शौक पूरा करने के लिए पालने लगे। यह ग्लोफिश लीवर के कैन्सर का पता लगाने तथा पर्यावरण के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

डीएनए वैक्सीन की दी जानकारी

इसके बाद आईआईएसएसटी गुवाहाटी के प्रो। सुरेश डेका ने बताया कि उन्होंने माइकोज, बैक्टिरिया, फंगस से ऐसे सर्फ का आविष्कार किया है जो पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी है। सीएसआईआर नई दिल्ली के प्रो। रामचन्द्रन ने बताया कि मधुमेह टाइप 02 को जड़ से ठीक किया जा सकता है। प्रो। सामल राय ने लीश मैनियासिस के लिए डीएनए वैक्सीन के उपयोग के बारे में बताया। बॉयोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ। शिवेश शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में युवा वैज्ञानिकों ने लीवर को सुरक्षित तथा निरोग रखने के बारे में बताया।