RANCHI: रिम्स में बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका है। सारी बायोमीट्रिक मशीनें खराब पड़ी हैं, जिसका फायदा रिम्स के डॉक्टर उठा रहे हैं। रिम्स के डॉक्टरों की समय पर आने-जाने की टेंशन खत्म हो गई है। वहीं नर्स और स्टाफ की भी मशीन खराब होने से उनकी भी चांदी हो गई है। स्थिति यह है कि टाइम से पहले ही स्टाफ भी अपनी कुर्सी से गायब हो जा रहे हैं। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन खराब पड़ी बायोमीट्रिक मशीनों को बनाने की पहल नहीं कर रहा है। हालांकि डॉक्टरों के लिए डायरेक्टर चैंबर में रजिस्टर में अटेंडेंस बनाने की व्यवस्था की गई है, ताकि हास्पिटल में डॉक्टरों की उपस्थिति दर्ज हो।

पावर कट से मशीनें खराब

हास्पिटल और एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग में एक दर्जन से अधिक बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई थीं। लेकिन रेगुलर पावर सप्लाई नहीं होने के कारण ये मशीनें बेकार हो गई हैं। चूंकि पावर कट की स्थिति में ये मशीनें कुछ देर बैटरी से काम करती थीं। इसके बाद ये मशीनें अपने आप ही बंद हो जाती थीं। वहीं ठीक से आपरेट नहीं किए जाने के कारण भी कुछ मशीनों ने काम करना बंद कर दिया।

नेट कनेक्शन नहीं, तो मशीन बंद

रिम्स में बायोमीट्रिक मशीनों के लिए वाई-फाई का कनेक्शन दिया गया था। लेकिन इसमें भी नेट कनेक्शन नहीं रहने के कारण अटेंडेंस बनाने में काफी दिक्कत होने लगी। हास्पिटल पहुंचने के बाद अटेंडेंस बनाने के लिए भी लंबी लाइन लगी रहती थीं। चूंकि लिंक फेल होने के कारण लोग नेट आने का इंतजार करते थे। लेकिन सब फेल हो जाने से स्टाफ्स और नर्सो की भी मौज हो गई। लेट आने पर भी रजिस्टर में स्टाफ अटेंडेंस बना लेते हैं उन्हें कोई भी नहीं पूछता है।

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बायोमीट्रिक अटेंडेंस नहीं, तो पेमेंट नहीं

स्वास्थ्य मंत्रालय से आदेश जारी किया गया था कि बायोमीट्रिक से अटेंडेंस नहीं बनाने पर डिपार्टमेंट से पेमेंट रोक दिया जाएगा। इसके बावजूद हास्पिटल प्रबंधन इसे बनाने की ओर ध्यान नहीं दिया और न ही इसे बदलने की पहल की। वहीं डॉक्टर और स्टाफ मैन्युअल अटेंडेंस बनाकर अपनी हाजिरी दर्ज करा रहे हैं।

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ऐसे काम करती थी बायोमीट्रिक मशीन

अटेंडेंस बनाने के लिए बायोमीट्रिक मशीन में डॉक्टरों, नर्सो और स्टाफ के फिंगर प्रिंट स्कैन किए गए थे। इसके बाद सभी को एक कोड दिया गया था। फिंगर स्कैन के बाद अटेंडेंस के लिए अपना कोड डालना होता था। इससे आने का समय दर्ज हो जाता था। वहीं हास्पिटल से जाते वक्त भी यही प्रॉसेस दोहराना होता था। यह अटेंडेंस आनलाइन झारखंड सरकार की वेबसाइट से जुड़ा हुआ था।

वर्जन

इन मशीनों को बदलने के लिए टेंडर हो गया है, क्योंकि इनकी रिपेयरिंग नहीं की जा सकती। अब प्रॉसेस होगा और नई मशीनें लगाई जाएंगी। इसके साथ ही नियम से अटेंडेंस सभी को बनाना होगा। अभी रजिस्टर में सभी लोग अपना अटेंडेंस बना रहे है।

-डॉ। आरके श्रीवास्तव, प्रभारी डायरेक्टर, रिम्स