RANCHI: रिम्स में लगी बायोमीट्रिक मशीन एक महीने से खराब पड़ी है। लेकिन इसे चालू कराने के लिए न तो डॉक्टरों ने पहल की और न ही प्रबंधन इसे लेकर गंभीर है। इसका फायदा उठाकर रिम्स के डॉक्टर ड्यूटी से गायब हो जा रहे हैं। लाख कोशिशों के बावजूद भी हास्पिटल में डॉक्टरों की मौजूदगी सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। इसका खामियाजा हर हाल में मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डॉक्टर किस तरह एमसीआइ के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं।

एमसीआइ को मिली थी कंप्लेन

एमसीआइ को कंप्लेन मिल रही थी कि एक ही डॉक्टर कई जगह काम रहे हैं। वे एक साथ सरकारी और प्राइवेट दोनों कॉलेजों से पेमेंट उठा रहे हैं। इतना ही नहीं, हास्पिटल में ड्यूटी के वक्त प्राइवेट नर्सिग होम में भी मरीजों को देख रहे हैं। ऐसे में एमसीआइ ने बायोमीट्रिक अटेंडेंस लागू कर आधार कार्ड से जोड़ने का आदेश जारी किया था। कई बार एमसीआइ की इंस्पेक्शन के दौरान बड़े डॉक्टर रिम्स से गायब मिले थे। वहीं कई डॉक्टर अटेंडेंस बनाकर भी गायब थे।

एमसीआई ने किया है बायोमीट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य (बॉक्स)

बताते चलें कि देशभर के मेडिकल कालेजों में ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों पर नकेल कसने के लिए एमसीआइ ने बायोमीट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य कर दिया है। वहीं डॉक्टरों की अटेंडेंस बनाने के लिए अलग मशीन भी लगाई गई थी, ताकि यह भी पता लगाया जा सके कि एक ही समय में कोई डॉक्टर दो जगहों पर ड्यूटी तो नहीं कर रहा है।