- टूरिस्ट्स की थाली में परोसा जा रहा पशु-पक्षियों का मांस

-रुपयों के लालच में क्रूरता से किया बेजुबानों का कत्ल

--DJ i next के sting operation में हुआ गंगा किनारे हो रहे गंदे खेल का खुलासा

devendra.singh@inext.co.in

पशुपति बाबा विश्वनाथ और अहिंसा का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध की नगरी बनारस में बड़ी संख्या में टूरिस्ट्स आते हैं। लेकिन यहां आने के बाद ऐसा कृत्य करते हैं जिसे देख-सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं। वो चिकन या मटन नहीं बल्कि उन बेजुबान पक्षियों और जानवरों का मांस खाते हैं जो हमारे पर्यावरण से लुप्त होने की कगार पर हैं। जिनके शिकार पर प्रतिबंध है। विदेशियों की खाने की प्लेट में बेजुबानों का मांस पहुंचाने वालों का बड़ा नेटवर्क है। इनमें बड़े होटल-लॉज संचालित करने वालों से लेकर जंगल में बेजुबानों का शिकार करने वाले शामिल हैं। धर्म की नगरी में अधर्म के इस धंधे को बड़े पैमाने पर संचालित किया जा रहा है। इसका खुलासा डीजे आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ। स्टिंग करने वाले रिपोर्टर ने पूरे धंधे की पड़ताल किया। धंधेबाजों के जरिए चिडि़यों को भी मंगा लिया। आप भी पढि़ए पूरा स्टिंग ऑपरेशन सिलसिलेवार।

स्वाद के लिए ले रहे जान

बनारस में पूरी दुनिया से टूरिस्ट आते हैं। उनकी संस्कृति, भाषा के साथ भी भोजन यहां से अलग होता है। टूरिस्ट के जरिए मोटी कमाई करने वाले उनके स्वाद के मुताबिक भोजन का इंतजाम करते हैं। इस शहर में कुछ ऐसे देशों के टूरिस्ट्स भी आते हैं, जहां सामान्य से अलग हटकर भोजन खाया जाता है। उनके मेन्यू ने सीफूड के साथ ही पशु-पक्षी की बहुतायत होती है। रुपयों के लालच में उनके स्वाद के अनुरूप भोजन का इंतजाम भी कर दिया जा रहा है। डिमांड पर विदेशी मेहमानों को तरह-तरह की चिडि़यों और जंगली जानवरों का मांस परोसा जा रहा है। यह खेल गंगा किनारे मौजूद तमाम होटल, रेस्तरां, लॉज, गेस्ट हाउस, पेइंग गेस्ट हाउस में खेला जा रहा है। टूरिस्ट के डिमांड पर उल्लू, सुरखाब, मोर, हारिल, हिरन, बंदर, कबूतर, बघेरी समेत तमाम तरह के पशु-पक्षियों के मांस परोसे जा रहे हैं।

ऑन डिमांड ले आया उल्लू

-स्वाद के लिए बेजुबानों की जान लेने वाले नेक्सस को ब्रेक करने के लिए डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने कई दिन गंगा घाट और उससे लगी गलियों में चहलकदमी की

-कई दिनों की मशक्कत के बाद उसे दशाश्वमेध घाट पर एक शिकारी के बारे में पता चला जो पशु-पक्षियों को जंगल से लाता है

-डीजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने खुद को एक रेस्तरां का मालिक बताते हुए मुश्किल से भरोसे में लिया

-विदेशियों की खाने के प्लेट में परोसने के लिए जंगली चिडि़यों की डिमांड की

-शिकारी ने अपना रिपोर्टर का मोबाइल नम्बर लिया। जंगली उल्लू लाने का भरोसा दिलाया और एक हजार रुपये एडवांस के रूप में लेकर चला गया

-दो दिन बाद दो जंगली उल्लू लेकर आया और उसे रिपोर्टर को घाट पर बुलाकर सौंप दिया। उसने फिर पांच सौ रुपये लिए चलता बना।