-एक सीट पर जीत तय, दूसरी विपक्षी बिखराव पर निर्भर

-झामुमो का आरोप-पैसे के बल पर राज्यसभा की दूसरी सीट जीतना चाह रही बीजेपी

RANCHI: प्रदेश की दूसरी राज्यसभा सीट पर आखिरकार बीजेपी ने अपने पत्ते खोलते हुए महेश पोद्दार को सोमवार की देर शाम अपना उम्मीदवार घोषित किया। बीजेपी दूसरी सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी इसका इशारा मुख्यमंत्री रघुवर दास मुख्तार अब्बास नकवी के नॉमिनेशन के समय ही कर दिए थे। दरअसल राज्य में खाली हो रही दो राज्यसभा सीटों में से एक बीजेपी व दूसरी कांग्रेस के खेमे की है। विधानसभा में जो आंकड़े बीजेपी के फेवर में हैं, उसके हिसाब से एक सीट पर जीत तय है। लेकिन दूसरी सीट पर उसकी जीत विपक्षी बिखराव पर निर्भर करती है। अगर विपक्ष सामूहिक तौर पर जेएमएम के कैंडिडेट बसंत सोरेन को समर्थन करता है, तो उनकी जीत तय है। लेकिन, बिखराव की स्थिति में संकट हो सकता है। मालूम हो कि क्क् जून को होनेवाले राज्यसभा की दो सीटों के चुनाव के लिए मंगलवार तक नामांकन दाखिल होंगे। वहीं, नाम वापसी की आखिरी तारीख फ् जून है।

महेश पोद्दार को प्रत्याशी बनाने के पीछे क्या है पार्टी की रणनीति

महेश पोद्दार को बीजेपी ने दूसरी सीट पर अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाकर झारखंड राज्यसभा चुनाव को लेकर तमाम तरह की अटकलों को जन्म दे दिया है। आखिर कहीं एक बार फिर इस चुनाव में पैसे का खेल तो नहीं होगा। क्योंकि सत्तापक्ष के जीतने के लिए जो आंकड़ा होना चाहिए, वो नहीं है। उसे विपक्षी वोटों की जरूरत है। ऐसे में विपक्ष का आरोप है कि पैसे के बल पर झारखंड सरकार राज्यसभा की दूसरी सीट जीतना चाह रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि वह बीजेपी की उम्मीदों को पूरा होने नहीं देगी।

क्या है विधानसभा का गणित

वर्तमान में जो झारखण्ड विधानसभा का जो संख्या है उसके अनुसार यदि सभी 8क् विधायक वोट करेंगे तो जीत के लिए प्रथम वरीयता के लिए ख्8 विधायकों के वोट की जरूरत होगी। सत्तारूढ़ बीजेपी और उसके सहयोगियों को मिलाकर फिलहाल कुल ब्7 विधायक हैं। ऐसे में उसके खेमे में क्9 सरप्लस वोट हैं। इन हालत में मामला विपक्षी एकजुटता पर टिका है। प्रमुख विपक्षी दलों के हिसाब से झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के पास क्9 कांग्रेस के पास 7 और झाविमो के पास ख् विधायक हैं। इनके अलावा 8क् चुने गए विधायकों वाली झारखण्ड विधानसभा के छह अन्य विधायक पर भी काफी कुछ निर्भर करता है।