RANCHI: बीजेपी के सीनियर लीडर सरयू राय अपने को सीएम पोस्ट की रेस में नहीं मानते हैं। बुधवार को उन्होंने कहा कि कहा कि उन्होंने कभी सीएम पद के लिए सोचा ही नहीं। राज्य के मुख्यमंत्री का पद एक बड़ा पद है और उसे कई कसौटियों पर खरा उतरना होता है।

ज्यादा दावेदार होना अच्छी बात

बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के तौर पर कई दावेदारों के नाम के उभरने पर उन्होंने कहा कि यह अचछी बात है कि पार्टी में कई लोग मुख्यमंत्री बनने की योग्यता रखते हैं, उनमें से किसी भी नाम पर या किसी अन्य नाम पर राष्ट्रीय नेतृत्व विचार कर सकता है।

बीजेपी की है परंपरा

राय ने कहा कि विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों में से ही मुख्यमंत्री चुनने की परंपरा पार्टी में रही है। मुझे लगता है कि पार्टी नेतृत्व जितने भी विकल्प है उन पर विचार कर कोई निर्णय लेगी। केंद्रीय नेतृत्व ने विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों का चुनाव किया है। विचायकों की बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

आदिवासी-गैर आदिवासी मुख्यमंत्री पर सरयू राय ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। कहा, आदिवासी या गैर आदिवासी कोई भी झारखंड का मुख्यमंत्री हो सकता है। मुझे नहीं लगता कि झारखंड में भाजपा ने अब तक मुख्यमंत्री के तौर पर जिनका चुनाव किया है वो इसलिए किया कि वे आदिवासी हो, जो योग्य होगा वह मुख्यमंत्री होगा। केंद्रीय नेतृत्व व्यापक विचार विमर्श के बाद निर्णय लेगा।

26 को झामुमो विधायक दल की बैठक

झारखंड चुनाव के रिजल्ट के बाद भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने जा रही है। वहीं 19 सीट लाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य की सबसे बडी विपक्षी पार्टी बनी है। चुनाव के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव जीतकर आए नए विधायकों की बैठक 26 दिसंबर को बुलाई गई है। बैठक दोपहर एक बजे से मोरहाबादी स्थित शिबू सोरेन के आवास पर होगी। जेएमएम के सचिव डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि नए विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन को विधायक दल के नेता चुने जाने की प्रक्रिया पुरी की जाएगी। वहीं मुख्य विपक्षी दल के रूप में पार्टी की क्या भूमिका होगी इस पर भी चर्चा की जाएगी।