-शुरू हुआ पार्टी छोड़ने का दौर, दिग्गज बने बागी

-रुड़की में जैन ने दिया इस्तीफा, तो विजया बड़थ्वाल ने दी धमकी

-खफा नेताओं ने कहा-समर्थकों से राय लेकर करेंगे फैसला

DEHRADUN: बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट पार्टी में जलजला लेकर आई है। तमाम विधानसभाओं में टिकट की आस लगाए सामान्य स्तर के कार्यकर्ताओं की तो बात छोड़ ही दीजिए, मजबूत प्रोफाइल वाले दिग्गज नेताओं ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। इस्तीफा देने की शुरुआत हो चुकी है। टिकट कटने से तिलमिलाए कद्दावर नेता अपने समर्थकों के साथ गहन मंत्रणा कर रहे हैं। रणनीति बुन रहे हैं, ताकि अपनी पार्टी को ही यह अहसास कराया जा सके, कि उसका निर्णय किस कदर गलत था।

0क्-सुरेश चंद्र जैन

-रुड़की के पूर्व एमएलए सुरेश चंद्र जैन ने इस्तीफा देकर बीजेपी से सालों पुराना नाता तोड़ लिया है। बागी पूर्व विधायक प्रदीप बत्रा को मिले टिकट से जैन आहत थे। संघ बैकग्राउंड वाले जैन का रुड़की में व्यापक आधार रहा है। ख्0क्ख् का चुनाव भी वह मामूली अंतर से हारे थे। उनके कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा है।

0ख्-विजया बड़थ्वाल

-यमकेश्वर की तीन बार एमएलए रहीं विजया बड़थ्वाल पूर्व मंत्री के साथ ही विधानसभा उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। एक्स सीएम बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु के लिए उनका टिकट काट दिया गया है। बड़थ्वाल सभी विकल्प खुले होने की बात कर रही हैं। एक चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि सरकार आने से ज्यादा जरूरी पार्टी को बचाना है।

0फ्-तीरथ ंिसंह रावत

-पूर्व शिक्षा मंत्री, पूर्व एमएलसी, पूर्व एमएलए, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत की प्रोफाइल में कई बातें जुड़ी हैं। सतपाल महाराज के लिए पार्टी ने चौबट्टाखाल में इस बार उनका टिकट काट दिया। रावत चुनाव हर हाल में लड़ने का ऐलान कर रहे हैं। क्षतिपूर्ति के लिए उन्हें अध्यक्ष बनाए जाने की खबरें भी आ रही हैं।

0ब्-शैलेंद्र सिंह रावत

-कोटद्वार सीट पर ख्007 के चुनाव में सुरेंद्र सिंह नेगी जैसे दिग्गज को हराने वाले शैलेंद्र सिंह रावत का इस बार भी टिकट कटा है। रावत ने पार्टी छोड़ दी है। ख्0क्ख् में बीसी खंडूड़ी और इस बार हरक सिंह रावत के लिए पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। रावत चुनाव लड़ने पर अडिग है। यह तय नहीं कि पार्टी से लडे़ंगे या निर्दलीय।

0भ्-अनिल नौटियाल

-दो बार कर्णप्रयाग के विधायक रहे अनिल नौटियाल को निशंक खेमे से जुडे़ होने का नुकसान झेलना पड़ा है। पिछली बार उनका टिकट कटा था, तो वह बागी होकर चुनाव लडे़ थे। मगर फिर पार्टी में वापसी हो गई थी। इस बार फिर टिकट काट दिया गया है। नौटियाल की फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी है।

0म्-आशा नौटियाल

-केदारनाथ की दो बार विधायक रहीं आशा नौटियाल का टिकट कांग्रेस से आई पूर्व विधायक शैलारानी रावत के लिए काटा गया है। पिछले भ् साल से पूरे क्षेत्र में आशा नौटियाल सक्रिय थीं। नाराज आशा नौटियाल हर हाल में चुनाव लड़ने की बात कर रही हैं। बताया जा रहा है कि वह कांग्रेस के संपर्क में भी हैं।

07-मातबर सिंह कंडारी

-यूपी और उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मातबर सिंह कंडारी को इस बार रुद्रप्रयाग से टिकट नहीं दिया गया है। कंडारी ने पिछला चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी, हालांकि वह फिर लौट आए थे। कंडारी निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। उनके समर्थकों का उन पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव है।

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-सिर्फ विधानसभा का टिकट मिलना ही सम्मान नहीं है। पार्टी किसी न किसी रूप में सभी कार्यकर्ता की योग्यता का उपयोग करती है, उन्हें काम देती है। पार्टी नाराज लोगों से ये ही अपील करना चाहती है कि वह धैर्य दिखाएं।

-विनय गोयल, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी।