- भाजपा ने अपने नौवें प्रत्याशी को जिताने के लिए झोंकी ताकत

- विपक्षी दलों के खेमे में मची खलबली, विधायकों को साधना शुरू

LUCKNOW :

शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के मतदान में भाजपा बड़ा उलटफेर अंजाम दे सकती है। उपचुनाव में हार का बदला राज्यसभा चुनाव में लेने के लिए पार्टी ने सियासी खेमेबंदी तेज कर दी है। गुरुवार को सपा, बसपा ने भी अपने विधायकों की बैठक लेकर उनका मन टटोलने की कवायद की तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री आवास पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल की मौजूदगी में विधायकों ने भी वोटिंग पैटर्न समझने के साथ नौवें प्रत्याशी को जिताने की रणनीति बनाई। वहीं दूसरी तरफ मंत्रियों को आवंटित किए गये विधायकों के समूहों ने भी साथ बैठकर चुनाव पर मंथन किया। हालांकि अभी तक भाजपा विधायकों को यह नहीं बताया गया है कि उन्हें किस प्रत्याशी को वोट देना है। इसकी सूचना उन्हें शुक्रवार को मतदान से पहले दी जाएगी।

बसपा और सपा ने भी टटोला मन

वहीं दूसरी ओर बसपा प्रदेश मुख्यालय में भी विधायकों का जमावड़ा लगा रहा। चर्चा यह भी है कि बसपा के दो विधायकों ने बैठक के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है। सूत्रों की मानें तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने बैठक में कहा कि पार्टी प्रत्याशी को आसानी से जीत हासिल होगी। उन्होंने विधायकों को भरोसा दिया कि पार्टी जल्द ही अपने पुरानी ताकत को हासिल कर लेगी। हालांकि इस दौरान दो विधायकों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। उनके देर से आने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगी। बाद में पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी उन्हें साथ लेकर बैठक में पहुंचे जहां विधानसभा में नेता बसपा दल लालजी वर्मा ने विधायकों को वोट डालने के तौर-तरीकों के बारे में बताया।

आए मुलायम और रामगोपाल

वहीं आज फिर ताज होटल में सपा के विधायकों को डिनर पार्टी में बुलाया गया। खास बात यह है कि आज की दावत में पूरा परिवार मौजूद था। पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव व राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने विधायकों से मुलाकात की और सपा व बसपा प्रत्याशी की जीत का भरोसा दिया। दरअसल सियासी गलियारों में चर्चा है कि सपा के कुछ विधायक भी भाजपा के संपर्क में हैं। फिलहाल गुरुवार को हुए इस सियासी घटनाक्रम से राज्यसभा का चुनाव रोचक रुख अख्तियार करता जा रहा है।