- रिमोट सरकार, सहमा बिहार, लालू का पैर पकड़वाया
- जीतन राम मांझी को स्टेट के सिंहासन पर मुस्कुराते दिखाया
- आंकड़ों से भरा है बीजेपी की रिपोर्ट कार्ड
PATNA: बीजेपी ने जीतन राम मांझी सरकार के रिपोर्ट कार्ड के जवाब में 'जंगलराज-ख् का आगाज' पब्लिश किया है। इसे रिमोट सरकार, सहमा बिहार नाम भी दिया है बीजेपी ने। एक्स डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के आवास पर जारी किया गया कार्ड। आयोजन में नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव, प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, एक्स मिनिस्टर प्रेम कुमार के आलावे कई विधायक शामिल थे।
क्राइम के ये आरोप लगाए बीजेपी ने
इस साल के आठ महीने के सरकारी आंकड़ों से स्पष्ट है कि सूबे में ट्रेन और रोड डकैती तथा लूट की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हत्या और फिरौती के लिए अपहरण की घटनाएं भी अनियंत्रित रूप से बढ़ी हैं। जनवरी से जून ख्0क्ब् तक के इन छह महीने में सड़क लूट की म्भ्फ् और सड़क डकैती की क्ख्8 घटनाएं दर्ज हुईं। इसी अवधि में हत्या की क्7म्भ् और फिरौती के लिए अपहरण की फ्ख् घटनाएं घटी हैं। दो महीने बाद अगस्त ख्0क्ब् में सड़क लूट की घटनाओं की संख्या बढ़कर 889, सड़क डकैती की क्88, हत्या की ख्फ्8म् तथा फिरौती के लिए अपहरण की ब्9 हो गई। ये आंकड़े बताते हैं कि जहां रिमोट से संचालित सरकार का इकबाल खत्म हो गया है वहीं अपराधियों के हौसले एक बार फिर ख्00भ् के पहले जैसे बुलंद हो गए हैं।
लालू की लाठी, नीतीश का झुकना
कवर पेज पर जो कार्टून बनाया गया है उसमें लालू प्रसाद लाठी लिए खड़े हैं। एक्स सीएम नीतीश कुमार लालू के पैर को पकड़े हुए हैं। बगल में ही जीतन राम मांझी कुर्सी पर बैठे मुस्कुरा रहे हैं। नीचे लिखा है नीतीश- मांझी की लड़ाई में विकास का बंटाधार।
इसे बनाया मुद्दा
क्। जनसरोकार से सरकार का टूटा नाता
ख्। जनता ने नीतीश को नकारा
फ्। जनता को बरगलाने की कोशिश
ब्। लालू के आगे टेके घुटने
भ्। उद्योग-निवेश संभव नहीं
सरकार की विफलता को उजागर करती घटनाएं
-गांधी मैदान हादसा-फ्फ् की गई जान, सरकार की आपराधिक लापरवाही
-लीपापोती करती है सरकार
-रोहतास पुलिस फायरिंग
- औरंगाबाद पुलिस फायरिंग
-बलात्कार, आजादी के बाद किसी एक वर्ष में सर्वाधिक घटनाएं
- अपराध, लालू के समर्थन का दिखने लगा असर
- मुख्यमंत्री की बेलगाम घोषणाएं
- पैतृक गांव महकार, गया पर सौगातों की वर्षा
- खाद्य सुरक्षा योजना में लफ्फाजी कर रही सरकार
- खाद्यान्न उठाव में राज्य सरकार विफल
- छटांक भर गेहूं की खरीद नहीं, बोनस पर किसानों को भरमा रहे नीतीश
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, साल बीत गया पर शुरू नहीं
- सड़क अब सरकार की प्राथमिकताओं में नहीं
जमीन अधिग्रहण नहीं होने से लटकी परियोजनाएं
- पटना गया डोभी फोर लेन
-मुजफ्फरपुर हाजीपुर फोर लेन
-छह लेन पुल की योजना अटकी
- पीपीपी मोड वाली ये सड़क परियोजनाएं फंसी
- बख्तियारपुर रजौली व मौहनिया आरा सड़क पर धीमी गति से कार्य
-पुलों के मेंटेनेंस की कोई नीति नहीं
- भारत नेपाल बॉर्डर सड़क पर ग्रहण
हमारी सरकार की खासियत थी सुशासन, कानून का राज, विकास और पारदर्शिता। लेकिन मांझी सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग में अफसर जम कर पैसे का खेल खेल रहे हैं। क्राइम पर सरकार की रिपोर्ट कार्ड में कुछ नहीं है। स्पीडी ट्रायल का जिक्र नहीं है। मनमोहन-सोनिया की तरह नीतीश और मांझी सत्ता के दो ध्रुव हो गए हैं। मांझी समझ रहे हैं कि ये नवंबर के बाद नहीं रहेंगे, इसलिए ये जिम्मेदारी नहीं निभा रहे। रिमोट के अंदर और रिमोर्ट के बाहर सब कुछ चल रहा है।
सुशील मोदी, एक्स डिप्टी सीएम