फ्री सिम के लिए लग रही लाइन, कब चलेगा गारंटी नहीं

कंपनी से सिम लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए सिम एक्टिवेट कराना है चैलेंज

बाजार में दुकानों से खरीदने वालों के सिम तत्काल हो रहे एक्टिवेट

ALLAHABAD: स्कीम लांच हुए 40 दिन से अधिक बीत चुके हैं। बुकिंग क्लोज हुए भी एक महीना बीत चुका है। लेकिन, अभी भी 'जियो' को हासिल करने के लिए कतार कम नहीं हुई है। इलाहाबाद में 62 हजार से अधिक हाथों में सिम पहुंच चुका है इसके बाद भी अगले एक महीने तक सिर्फ उन्हें सिम दिया जाएगा जो एडवांस बुकिंग करा चुके हैं। इन हालात का फायदा उठा रहे हैं वे छोटे दुकानदार जो गली-मोहल्लों में सिम बेचते हैं। चार से लेकर सात सौ रुपए में सिम ब्लैक कर रहे हैं। इसमें महत्वपूर्ण फीचर यह भी है कि स्टोर से लिए गए सिम को एक्टिवेट करने की फार्मेलिटी कितने टाइम में पूरी होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है। जबकि गली-मोहल्ले के दुकानदार इसे दो घंटे के भीतर एक्टिवेट करा दे रहे हैं। आई नेक्स्ट ने जानने की कोशिश की आखिर ऐसा संभव कैसे हो रहा है?

ब्लैक में लेना भी फायदेमंद

असलियत सामने लाने के लिए हम पहुंचे सिविल लाइंस में एक हैंडसेट बिक्री शॉप पर। यहां सीधे सिम के बारे में बात करने पर साफ कह दिया गया कि उपलब्ध नहीं है। रिलायंस स्टोर जाइए। काफी मिन्नत के बाद भी वह कुछ सुनने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद वहां से निराश लौटते हुए कुछ ही दूर आगे बढ़ने पर एक अजनबी ने रास्ता रोक लिया। कारण पूछा। मकसद जानने के बाद उसने भरोसा दिलाया कि वह सिम दिलवा देगा और वह दो घंटे के भीतर चालू भी हो जाएगा। लेकिन, इसके लिए उसने पैसे की मांग की। सात सौ रुपए से शुरू हुई बातचीत साढ़े पांच सौ रुपए में फाइनल हो गई। इसके बाद उसने आधार कार्ड मांगा और उसी दुकान पर ले गया जहां से रिपोर्टर को टका सा जवाब मिला था। पैसा देते ही सिम मिल गया। कहा गया कि 24 घंटे बाद सिम चालू हो जाएगा। लेकिन, दुकान से निकलकर हैंडसेट में लगाने पर पता चला कि वह एक्टिवेट है। बिना किसी वेरीफिकेशन के यह चल कैसे रहा है? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए फिर से सम्पर्क करने पर पता चला कि वह किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड है। अशोक नगर निवासी शुभम त्रिपाठी ने बताया कि उसने कंपनी से सिम लिया था। जब कई बार चक्कर लगाने के बाद भी वह चालू नहीं हुआ। दोस्तों ने बताया कि मार्केट में सिम मिल रहा है और तत्काल चालू भी हो जाएगा। तब उसने पहले वाला सिम फेंक दिया और मार्केट से सिम खरीदा जो दो घंटे में ही चालू हो गया।

बाक्स

टिफिन और किताब लेकर पहुंच रहे

फ्री सिम के चक्कर में लोग सुबह से शाम तक रिलायंस स्टोर में लाइन लगा रहे हैं। कई तो स्टोर खुलने से पहले ही पहुंच जा रहे और रात आठ से नौ बजे तक जमे रहते हैं। हालांकि इसके बाद भी इन्हें सिम मिल जाए, इसकी गारंटी नहीं है। शनिवार को कई लोग यहां टिफिन और किताबें लेकर पहुंचे थे। ये लाइन में लगे-लगे पढ़ भी रहे थे और भूख लगने पर टिफिन भी खोल ले रहे थे। फ्री सिम के चक्कर में कई बार हंगामा के बाद स्टोर में दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वे भी अपनी सेटिंग से लोगों को सिम दिला रहे हैं।

फ्री सिम एक्टिवेट होने में लोचा

आईडी-एड्रेस प्रूफ साथ लेकर पहुंचने पर मिलता है सिम

सिम को मोबाइल में इंसर्ट करने के बाद जियो एप डाउनलोड करना होगा

एप डाउनलोड करने पर एक कोड नंबर आएगा

इस नंबर को रिलायंस डिजिटल स्टोर पर जाकर देना होगा

इसके बाद सिम एक्टिवेट होगा और कस्टमर इसकी सर्विसेज का उपभोग कर सकता है

इसमें दो से तीन दिन और सिम के लिए भीड़ ज्यादा होने पर सप्ताह भर लग जाते हैं

कैसे हो रहा है खेल

एक आईडी पर नौ सिम जारी किया जा सकते हैं

इसका फायदा उठा रहे हैं मोहल्ले-मोहल्ले स्टोर चलाने वाले

उन्होंने आईडी के आधार पर सिम लेकर स्टोर कर लिया है

उन्होंने 18 हजार रुपए में आने वाली थंब इंप्रेशन मशीन खरीद ली है

आधार कार्ड नंबर डालकर थंब इंप्रेशन लेने के चंद मिनट के बाद सिम एक्टिवेट हो जाता है

इस मशीन से सिम एक्टिवेट करने वाले शॉप ओनर्स को कंपनी अभी सिर्फ प्वाइंट्स दे रही है

इसी का फायदा उठाकर लोकल शॉप ओनर्स सिम चार से लेकर सात सौ रुपए तक में बेच रहे हैं

रिलायंस जियो

इस साल फरवरी में शुरू हो गई थी टेस्टिंग

पुराने सिम धारकों के पास था सेट के साथ बुक कराने का मौका

अगस्त सेकंड वीक से शुरू हो गया था फ्री सिम का वितरण

31 अगस्त तक टोकन पा लेने वालों को ही कंपनी देगी फ्री सिम

कई हैंडसेट कंपनियों से टाइअॅप के बाद बढ़ी मारामारी

20 अगस्त से इलाहाबाद में शुरू हुआ सिम का वितरण

ब्लैक में मिल रहे सिम के बारे में मैं कोई कमेंट नहीं करूंगा। यदि बेचा भी जा रहा है तो इससे आपको क्या। हर कोई दो पैसे के पीछे भाग रहा है और हकीकत तो ये है कि इससे ग्राहकों को आसानी से सिम मिल जा रहा है।

मनीष कुमार सिंह, मैनेजर, डिस्ट्रीब्यूटर, रिलायंस (जियो)