-आरटीओ में कीमत बढ़ा कर बेचे जाते हैं डाक टिकट लगे लिफाफे

-अंदर व बाहर दोनों जगह खुलेआम होता है लोगों को ठगने का काम

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KANPUR। आरटीओ में डाक टिकट लगे हुए लिफाफों की ब्लैक मार्केटिंग चल रही है। डीएल बनवाने के लिए आने वाले लोगों से इन डाक लिफाफों का ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है। दरअसल डीएल बनवाने के लिए लोगों को डाक लिफाफे के लिए डाक ऑफिस जाने की जरुरत नहीं पड़ती है। उन्हें आरटीओ ऑफिस में ही डाक टिकट लगे लिफाफे मिल जाते हैं, कुछ लोगों ने डाक टिकट लगे लिफाफे बेचने को अपना अवैध धंधा बना लिया है।

डीएल बनवाने में होती है जरुरत

डीएल बनवाते समय डाक टिकट लगे लिफाफों की जरुरत होती है। डीएल बनवाने की प्रक्रिया में ही नाम व पता लिखे लिफाफे में डाक टिकट लगाकर जमा किया जाता है। जब डीएल बनता है। तो इसी लिफाफे में आवेदक के घर पहुंचता है।

ख्फ् का लिफाफा मिलता है फ्भ् में

डाक ऑफिस में जो लिफाफा ख्फ् रुपये में मिलता है। वही लिफाफा आरटीओ में फ्भ् रुपये में बेचा जाता है। डाक ऑफिस में लिफाफा फ् रुपये और उस लिफाफे पर एक डाक टिकट क्भ् रुपये व दूसरा डाक टिकट भ् रुपये का लगा होता है। आरटीओ में ख्0 रुपये के डाक टिकट के साथ लिफाफा मांगा जाता है। अत: ख्0 रुपये के डाक टिकट के साथ लिफाफे की कीमत जोड़ दो तो ख्फ् का लिफाफा पड़ता है। लेकिन आरटीओ के अंदर इसे फ्भ् रुपये में बेचा जाता है।

छोटे-छोटे बच्चे करते हैं काम

ये डाक लिफाफे छोटे-छोटे बच्चे लेकर बेचते हुए दिखते हैं। आरटीओ परिसर में अंदर से बाहर तक ये बच्चे रहते हैं। जो अपने नन्हें-मुन्ने हाथों में लिफाफे व पानी के पाउच लिए दिखाई देते हैं। फार्म जमा करने वाले काउंटर पर लगने वाली लाइन के पास भी ये बच्चे खड़े रहते हैं और लोगों को लिफाफे बेचते हैं।

फिर हो गए कब्जे

आरटीओ के बाहर फिर से कब्जे हो गए हैं। पिछले दिनों जब डीएम ने छापा मारकर कब्जे हटाए थे। तब से कुछ दिनों तक तो ठीक चला, लेकिन अब हाल फिर से पहले जैसा है। आरटीओ ऑफिस के सामने कब्जे दिखने शुरु हो जाते हैं। मेन गेट के सामने ही खाने-पीने की दुकानों से लेकर अन्य दुकानें सज गई हैं। वहीं दूसरी ओर आरटीओ गेट पर ही दो सिपाहियों की नियुक्ति काकादेव थाने से की गई थी, लेकिन समय बीतने के साथ ही वहां अब सिपाही भी दिखाई नहीं पड़ते हैं।

वर्जन:

आरटीओ में डीएल बनवाते समय डाक टिकट लगे लिफाफे की जरुरत होती है। लिफाफे पर नाम व पता भी लिखा हुआ होता है। लोग ये लिफाफे कहां से लाते हैं? इसकी जानकारी नहीं है। कम्पाउंड में अगर लिफाफा ज्यादा दाम पर बिक रहा है तो फिर गलत है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- एसके सिंह, एआरटीओ