डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के ब्लड बैंक से चलता है रैकेट

जरूरतमंदों को शॉर्ट टाइम में ब्लड देने के लिए वसूलते हैं मोटी रकम

<डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के ब्लड बैंक से चलता है रैकेट

जरूरतमंदों को शॉर्ट टाइम में ब्लड देने के लिए वसूलते हैं मोटी रकम

BAREILLY BAREILLY

मंडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में चल रहे गोरखधंधे को खुलासा करने के बाद ट्यूजडे को दैनिक जागरण आइनेक्स्ट ने दोबारा पड़ताल की तो और भी चौंकाने वाले सच सामने आए। ट्यूजडे को इस खून के खेल में कितने खिलाड़ी शामिल है इस बात का भी खुलासा आज हम आपके सामने करने जा रहे हैं। गरीबों और जरूरतमंदों को लूटने के लिए डिस्ट्रिक्ट में कई नामचीन लोगों के साथ निजी मेडिकल कॉलेज तक शामिल हैं।

कर्मचारी ने अनजाने में खोले राज

ब्लड बैंक के कर्मचारी ने बातचीत में रिपोर्टर से अनजाने में कई ऐसे राज खोल दिए जिससे डिस्ट्रिक्ट में चल रहे खून के खेल के कई खिलाडि़यों के चेहरे सामने आ गए। कर्मचारी की बातों पर यकीन करने से पहले रिपोर्टर ने इसकी पड़ताल भी की। पड़ताल में कर्मचारी द्वारा कही बातें सही साबित हुई।

निजी मेडिकल कॉलेजों में सक्रिय हैं डोनर

डिस्ट्रिक्ट के दो नामचीन मेडिकल कॉलेजों में खून का खेल बड़े स्तर पर हो रहा है। एक मेडिकल कॉलेज दोहरा रोड तो दूसरा फतेहगंज पश्चिमी के पास स्थित है। इन मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेशनल डोनर पूरी तरह से सक्रिय हैं जो रूपयों और जरूरत के हिसाब से ब्रोकर के संपर्क में रहते हैं। जिस ग्रुप के ब्लड की जरूरत होती है उस ग्रुप का डोनर जरूरतमंद के पास पहुंच जाता है। ब्रोकर दोनों के बीच डील कराने के बाद पेमेंट ले लेता है।

ब्रोकर के पास रहती है लिस्ट

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में तैनात कर्मचारी के पास प्रोफेशनल डोनरों के नंबर और उनके ब्लड ग्रुप की पूरी लिस्ट मौजूद रहती है। जो रिक्वायरमेंट होने पर तुरंत संबधित डोनर को कॉल कर मौके पर पहुंचने के लिए कहता है। डोनर को आने-जाने का खर्चा भी दिया जाता है।

आइनेक्स्ट रिपोर्टर के साथ हुई ब्लड बैंक के कर्मचारी की बात-

रिपोर्टर- सर मेरी वाइफ भर्ती है मुझे ब्लड की जरूरत है।

स्टाफ- ब्लड तो मिल जाएगा पर खर्चा होगा।

रिपोर्टर- कितना खर्चा आएगा।

स्टाफ- 8000 रूपये खर्च होंगे।

रिपोर्टर- रूपये तो दे दूंगा पर खून तो सही होगा।

स्टाफ- अरे क्या बात कर रहे हो भाई मेडिकल कॉलेज से आएगा।

रिपोर्टर- मेडिकल कॉलेज से कैसे आएगा।

स्टाफ- वो मेरी प्रॉब्लम है। तुम बस रूपये की इंतजाम करो।

रिपोर्टर- मुझे दो घंटे लग जाएंगे।

स्टाफ- वो तुम्हारी प्रॉब्लम है।

रिपोर्टर- मुझे अपना मोबाइल नंबर दे दो।

स्टाफ- लो नोट करो।

रिपोर्टर- 89ख्फ्भ्7म्0. ओके

स्टाफ- कितनी देर में बताओगे।

रिपोर्टर- जैसे ही रूपयों का इंतजाम हो जाएगा।

स्टाफ- हॉस्पिटल बंद होने से पहले कॉल कर लेना।

रिपोर्टर- ओके।

इम्पैक्ट-

दैनिक जागरण आइनेक्स्ट में न्यूज पॉब्लिश होने के बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के अधिकारी सक्रिय हो गए। ट्यूजडे को तुरंत सीएमएस डॉ। केएस गुप्ता ने सुबह ही ब्लड बैंक में छापा मारा और जांच की। जांच में कर्मचारियों द्वारा चलाया जा रहा गोरखधंधा सामने आ गया। आरोपी कर्मचारी को लताड़ने के साथ ही उसे ब्लड बैंक से भी हटा दिया। उन्होंने कर्मचारी पर कार्रवाई के लिए सीएमओ को लेटर लिख दिया है।