-औषधि निरीक्षक ने जांच के बाद न्यू श्री धनवन्तरी हॉस्पिटल के डायरेक्टर पर दर्ज कराया मुकदमा

-एसआरएमएस हॉस्पिटल ने फर्जी स्लिप लगाकर खून सप्लाई और मरीज को चढ़ाने की थी शिकायत

BAREILLY: बरेली शहर में एक बार फिर से खून की अवैध बिक्री का खेल सामने आया है। इस बार ब्लड बैंक की फर्जी स्लिप लगाकर खून की बिक्री की गई और खून भी मरीज को चढ़ा दिया गया, लेकिन मरीज रेफर होकर उसी हॉस्पिटल में पहुंच गया, जिस हॉस्पिटल के ब्लड बैंक की फर्जी स्लिप लगी हुई थी। फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर हॉस्पिटल में ड्रग डिपार्टमेंट में शिकायत की गई। जांच में मामला सही पाए जाने पर ड्रग इंस्पेक्टर उर्मिला वर्मा ने फर्जीवाड़ा करने वाले न्यू श्री धनवंतरी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर संतोष कुमार शर्मा और हॉस्पिटल के स्टॉफ के खिलाफ बारादरी थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। वर्ष 2013 में भी इसी तरह से क्राइम ब्रांच ने फर्जी ब्लड की खरीद-फरोख्त का खुलासा किया था।

26 जनवरी को एडमिट हुआ मरीज

ड्रग इंस्पेक्टर उर्मिला वर्मा के मुताबिक एसआरएमएस हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर एसके हांडा ने 31 जनवरी को असिस्टेंट कमिश्नर औषधि को शिकायत की थी कि उनके ब्लड बैंक की फर्जी स्लिप लगाकर खून की बिक्री की गई है, जिसमें लिखा था कि उनके हॉस्पिटल में 26 जनवरी को फाटक फरीदपुर निवासी शोभा एडमिट हुई थी। शोभा अपने साथ में एक यूनिट ब्लड की थैली भी लेकर आए थे, जिसमें एबी पॉजिटिव लिखा हुआ था। इसके अलावा उनके हॉस्पिटल का फर्जी स्टीकर लगा हुआ था।

10 हजार में खरीदी दो यूनिट

उर्मिला वर्मा के मुताबिक उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर नवनीत कुमार के साथ मिलकर जांच शुरू की। सबसे पहले वे 1 फरवरी को एसआरएमएस हॉस्पिटल में जाकर जांच की। यहां पर एडिशनल मेडिकल सुपरिंटेंडेंट एसओ अग्रवाल ने बताया कि 26 जनवरी को उनके हॉस्पिटल में शोभा फर्जी लेबल लगा ब्लड लेकर आयी थीं। शोभा के पति राजेंद्र ने लिखित बयान दिए कि उन्होंने बीसलपुर रोड पर रुहेलखंड पुलिस चौकी के सामने न्यू श्री धनवंतरी हॉस्पिटल के स्टॉफ से दो यूनिट ब्लड 10 हजार रुपए में खरीदा था। एक यूनिट ब्लड हॉस्पिटल में चढ़ा दिया गया था और एक यूनिट बच गया था।

6 यूनिट ब्लड की बताई जरूरत

उर्मिला वर्मा ने बताया कि वह 1 फरवरी को फिर शोभा के फरीदपुर स्थित घर पर पहुंची। यहां पर राजेंद्र ने बताया कि उसने दो यूनिट ब्लड बाहरी व्यक्ति से खरीदा था। वह व्यक्ति कौन है उसे वह पहचान नहीं सकता है। 2 फरवरी को ड्रग इंस्पेक्टर नवनीत कुमार ने न्यू श्री धनवंतरी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर संतोष कुमार से पूछताछ की। संतोष कुमार ने बताया कि उनके हॉस्पिटल में एडमिट शोभा का इलाज डॉक्टर अंशु अग्रवाल और डॉक्टर राजीव गुप्ता ने किया था। मौके पर डॉक्टर अंशु अग्रवाल से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि मरीज के तीमारदारों से 6 यूनिट ब्लड मंगाया गया था। इसमें एक यूनिट आरबीसी और 4 यूनिट प्लाज्मा मरीज को चढ़ाया गया था। इस ब्लड को आईएमए ब्लड बैंक से मंगाया गया था। हॉस्पिटल से शोभा के इलाज के डॉक्यूमेंट भ्ाी लिए गए।

स्टॉफ की मिलीभगत से खेल

जांच में पाया गया कि राजेंद्र ने एसआरएमएस हॉस्पिटल में लिखित बयान में न्यू श्री धनवंतिर हॉस्पिटल से ब्लड खरीदने की बात कही, लेकिन बाद में वह मुकर गया। आईएमए में हॉस्पिटल की रिक्यूजिशन रसीद के मुताबिक 2 यूनिट आरबीसी और 4 यूनिट प्लाज्मा की डिमांड की गई। जबकि डॉक्टर अंशु अग्रवाल के मुताबिक 6 यूनिट ब्लड की जरूरत बताई, जिससे साफ है कि हॉस्पिटल मरीज को दो यूनिट ब्लड अवैध तरीके से उपलब्ध करना चाहता था। इससे साफ है कि न्यू श्री धनवंतरि हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्ट अशोक कुमार शर्मा और स्टाफ की मिलीभगत से अवैध तरीके से दो यूनिट ब्लड का संग्रहण किया और एसआरएमएस हॉस्पिटल का फर्जी लेबल भी लगा दिया।