- मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में बंद हुई खून के दलालों की दुकान तो उर्सला में खोल ली

- दो कर्मचारियों की साठगांठ से शरू कर दिया प्रोफेशनल ब्लड डोनेशन का काम

- एक पैथोलॉजिस्ट के भरोसे चल रहा उर्सला का ब्लड बैंक बना गड़बडि़यों का अड्डा

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KANPUR(13 Sep.)

खून के दलालों का कारोबार मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक से भले ही सिमट गया हो लेकिन उनका दूसरा ठिकाना उर्सला का ब्लड बैंक बन गया है। उर्सला के पीछे बने इस ब्लड बैंक के सन्नाटे में कई गड़बडि़यां चल रही हैं। जिसका आज हम खुलासा करेंगे। यह बात सिर्फ गड़बडि़यों तक ही सीमित नहीं है। रात को अगर उर्सला में किसी पेशेंट को ब्लड की जरूरत होती है तो उसे मेडिकल कॉलेज ही जाना पड़ता है। क्योंकि रात्रि सेवा होने के बाद भी यहां के कर्मचारी फोन बंद कर चले जाते हैं। उनको कोई देखने वाला नहीं है या फिर ऐसा करने के एवज में जिम्मेदारों को मोटी रकम पहुंच जाती है।

स्टैंड में काम करने वाले की मिलीभगत से चल रहा है 'खेल'

उर्सला में गाडि़यों के स्टैंड में काम करने वाले एक युवक और उर्सला में काम करने वाले एक फोर्थ क्लॉस कर्मचारी उर्सला में प्रोफेशनल डोनर्स को बुला कर ब्लीडिंग करा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो स्टैंड में काम करने वाला युवक डोनर्स को लाता है और वह उस कर्मचारी की मिलीभगत से ब्लीडिंग कराता है। इसके बाद ब्लड बैंक में सांठ-गांठ कर उसे रखवा देता है। इसके एवज में डोनर को क्,भ्00 से ख्,000 रुपए मिलते हैं। इसके अलावा भ्00 रुपए तक कर्मचारी अपना कमीशन लेता है। इसके अलावा ये लोग उर्सला में ब्लड लेने आने वाले लोगों को भी फंसाते हैं और डोनर नहीं होने पर उनसे फ् से ब् हजार रुपए में खून दिलवा देते हैं।

कोई तो अंदर का शामिल है

नाम न छापने की रिक्वेस्ट पर एक इम्प्लाइ ने बताया कि उर्सला के ब्लड बैंक और उसके इर्दगिर्द चल रहे इस गोरखधंधे में अंदर का भी कोई कर्मचारी शामिल है। जिसकी मदद से ब्लड बैंक में यह 'खेल' चल रहा है। वर्तमान समय में ब्लड बैंक में टेक्नीशियनों की कमी हैं। दो टेक्नीशियनों के भरोसे चल रहे ब्लड बैंक में गार्ड समेत कई अन्य कर्मचारी भी हैं। लेकिन किसकी मदद से यह काम हो रहा है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा।

रात्रि सेवा तो बस दिखावा है

उर्सला के ब्लड बैंक के बाहर बोर्ड लगा है कि रात्रि सेवा उपलब्ध है संपर्क करने के लिए एक नंबर भी लिखा है उस नंबर पर रात को कॉल की गई तो काफी देर तक फोन उठा ही नहीं और जब उठा तो पता चला कि जिस शख्स का नंबर वहां लिखा है उसे ब्लड बैंक से हटे हुए काफी समय हो चुका है और अब रात को ब्लड बैंक बंद रहता है। खून चाहिए तो सुबह 9 बजे से दोपहर ख् बजे तक ही मिलेगा।

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ब्लड बैंक एक नजर में

रोजाना लोग आते हैं- म्0 से 70

ब्लीडिंग होती है- ब्0 से भ्0 लोगों की

रिजर्व ब्लड रहता है- क्भ्0 से क्70 यूनिट

खुलने का समय- सुबह 9 बजे से दोपहर ख् बजे तक

उर्सला के पेशेंट्स को ही खून नहीं दे पाता है ब्लड बैंक

ब्क्म् बेड के उर्सला हॉस्पिटल के लिए ही उसका ब्लड बैंक खून उपलब्ध नहीं करा पाता है। बीते मंगलवार को सर्जरी कराने पहुंचे रामवीर के साथ भी यही हुआ। ऑपरेशन के दौरान जब डॉक्टरों ने दो यूनिट ब्लड की डिमांड की। परिजन ब्लड बैंक गए तो वहां ताला लग गया था। फोन किया तो किसी ने उठाया नहीं। जिसके बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज से ब्लड लाना पड़ा। वहीं इस संबंध में ब्लड बैंक प्रभारी डॉ। एसके मिश्रा से फोन पर बात करनी चाही तो उनका जवाब था कि सुबह 9 बजे से ख् बजे तक बात कर सकते हैं।

कोट-

अगर ब्लड बैंक में किसी तरह की गड़बड़ी हो रही है तो इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राकेश सक्सेना, निदेशक, उर्सला हॉस्पिटल