- डीआईओएस ने राजधानी के सभी स्कूल्स को जारी किए दिशा निर्देश

- स्कूल में किसी तरह के इलेक्ट्रानिक्स ग्रेजेट्स का यूज नहीं कर सकेंगे स्टूडेंट्स

- स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट लाने पर स्कूलों में गहनता से करनी होगी जांच

shyamchandra.singh@inext.co.in

LUCKNOW :

ब्लू व्हेल वीडियो गेम के बढ़ते खतरे को देखकर शिक्षा विभाग की ओर से राजधानी के सभी स्कूलों को सतर्क रहने को कहा गया है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। अपने आदेश में डीआईओएस ने सभी स्कूल प्रबंधकों और प्रिंसिपल को कहा है कि वह स्कूल में स्टूडेंट्स के मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी दूसरे तरह के इलेक्ट्रानिक्स प्रोड्क्टस लाने पर प्रतिबंध लगाएं, साथ ही इसकी निगरानी खुद स्कूल के प्रिंसिपल की जिम्मेदारी होगी।

पेरेंट्स को करें जागरूक

डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि सभी स्कूलों को भेजे गए एडवाइजरी में कहा गया कि इस खतरनाक खेल के बारे में स्कूल असेम्बली या कम्प्यूटर लैब में बच्चों को जानकारी दे। साथ ही पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग में हर पेरेंट्स को इसके बारे में अवगत कराएं। साथ ही उन्हें बच्चों को स्मार्टफोन, लैपटॉप या टैबलेट जैसी चीजों के प्रयोग करते समय सावधानी बरतने के आदेश दिए हैं।

लैब में लगानी होगी प्रॉक्सी

डीआईओएस ने सभी स्कूलों को आदेश दिया है वह अपनी कम्प्यूटर लैब में प्रॉक्सी का प्रयोग जरूर करें साथ ही लैब में ऐसी किसी भी वेबसाइट या जानकारी के सर्च होने पर सम्बन्धित कम्प्यूटर पर बच्चे की जरूर काउंसिलिंग करें। उस पर लगातार नजर बनाए रखे। सभी स्कूलों को रोज कम्प्यूटर क्लास के बाद अपने सर्वर पर निगरानी रखना होगी। एक रिपोर्ट बनानी होगी जिसमें यह देखना होगा कि कहीं कोई स्टूडेंट्स प्रतिबंधित साइट का प्रयोग तो नहीं कर रहा है। साथ ही अगर कोई स्टूडेंट्स स्कूल में पढ़ाई या लैब के सम्बन्ध में लैपटॉप या टैबलेट लेकर आ रहा है, तो स्कूल प्रशासन उसकी खासतौर पर निगरानी करेगा। इसके लिए स्कूल के कम्प्यूटर लैब इंचार्ज की ड्यूटी लगाई जाएगी।

बॉक्स

सीबीएसई पहले ही लगा चुका है रोक

ब्लू व्हेल जैसे ऑनलाइन खेलों व इंटरनेट पर मिलने वाली धमकियों आदि को देखते हुए सीबीएसई ने पहले ही स्कूलों के लिए साइबर सुरक्षा के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत बिना इजाजत किसी भी स्टूडेंट्स को स्कूल या स्कूल की बस में इंटरनेट से चलने वाले उपकरण लाने की अनुमति नहीं है। वहीं उन्हें अपनी आयु वर्ग के अनुसार ही पूर्व चयनित वेबसाइट खोलने की अनुमति होगी। वहीं संबद्ध स्कूलों को नियमित तौर पर अपनी कम्प्यूटर लैब में उपलब्ध इंटरनेट सामग्री की समीक्षा भी करनी होगी। ये दिशा-निर्देश सीबीएसई ने खुद से जुड़े सभी 1400 स्कूलों को भेजे हैं। सीबीएसई ने स्कूलों से कहा है कि स्टूडेंट्स बगैर अनुमति के स्कूल कैम्पस या बस में इंटरनेट से जुड़े उपकरण आइपैड, स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट आदि का इस्तेमाल न करें यह सुनिश्चित किया जाए।

कोट

यह एक गंभीर विषय है, इस पर हम सब को मिलकर काम करने की जरूरत है। इसलिए सभी स्कूलों को इस सम्बन्ध में ऑर्डर भेजा जा रहा है। स्कूलों में स्टूडेंट्स के स्मार्टफोन व दूसरे इलेक्ट्रानिक्स गेजेट्स के प्रयोग पर रोक लगाने की जिम्मेदार प्रिंसिपल की होगी।

- डॉ। मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस