फॉलोअप
- पीपीएन कॉलेज प्रशासन ने पिटीशन के जरिए कोर्ट से मांगी थी रिलीफ
-कोर्ट ने सीएसजेएमयू व संबद्ध कॉलेज के चुनाव पर रोक लगा दी थी
KANPUR: पीपीएन कॉलेज की पिटीशन पर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सितंबर 2012 में छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी व उससे संबद्ध कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन पर रोक लगा दी थी। अभी इस पर कोई डिसीजन नहीं हुआ है। बीएनडी कॉलेज प्रशासन ने स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन कराने का शेड्यूल जारी करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। लीगल एडवाइजर का साफ कहना है कि अगर बीएनडी कॉलेज चुनाव कराता है तो यह सीधे कोर्ट की अवमानना होगी।
शासन व यूनिवर्सिटी ने काउंटर दाखिल किया
बार काउंसिल यूपी के पूर्व चेयरमैन व वर्तमान में काउंसिल के सीनियर मेंबर योगेन्द्र स्वरूप ने बताया कि इयर 2012 में पीपीएन कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन कराने के लिए कॉलेज के संविधान में लिंगदोह कमेटी की सिफारिश के अनुसार इनडायरेक्ट इलेक्शन का कांस्टीट्यूशन पास किया गया। लेकिन छात्र नेताओं को यह रास नहीं आया। जिस पर हाईकोर्ट में पिटीशन दाखिल की और पीपीएन कॉलेज के लिए रिलीफ मांगी थी। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएसजेमयू व उससे संबद्ध कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगा दी थी। चार साल में गवर्नमेंट व यूनिवर्सिटी ने कोर्ट में काउंटर दाखिल किया है। अभी रिज्वाइंडर फाइल किया जाना है। इसके बाद डेट लगेगी।
वर्जन
मैटर हाईकोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने पहले रोक लगा दी है तो ऐसे में छात्र संघ चुनाव नहीं कराए जा सकते यह कोर्ट की अवमानना है।
अश्विनी आनंद, एडवोकेट
हाईकोर्ट ने सीएसजेएमयू और उससे संबद्ध कॉलेजों के छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगा रखी है तो फिर अगर कोई कॉलेज चुनाव कराता है तो वह कोर्ट की सीधे अवमानना कर रहा है।
रजत गुप्ता, एडवोकेट
उच्च न्यायालय ने कानपुर यूनिवर्सिटी के इलेक्शन पर इयर 2012 में ही रोक लगा दी थी। मैटर अभी कोर्ट में विचाराधीन जब तक डिसीजन नहीं आ जाता कोई कॉलेज चुनाव नहीं करा सकता है।
अनंत शर्मा, एडवोकेट
पिटीशन में हाईकोर्ट ने पूरी यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन पर रोक लगा रखी है। इस कंडीशन में कोर्ट के आदेश की अनदेखी करना सीधे तौर पर अवमानना है।
शैलेन्द्र पांडेय