-यूपी बोर्ड एग्जाम में नकल रोकने के लिए बने छह उड़ाका दल की पेट्रोलिंग के लिए शासन ने दिया 60 हजार रुपये

-एक दिन का खर्च आ रहा छह हजार, 26 दिन है एग्जाम शेड्यूल

-वाहन न मिलने से अधिकारी अपनी गाड़ी से कर रहे सेंटर का दौरा

VARANASI

यूपी बोर्ड के चल रहे एग्जाम में नकल रोकने के लिए तमाम कवायद की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में जरूर परीक्षाएं हो रही हैं मगर, कहीं-कहीं नकलची अपना काम कर जा रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट में कुछ एग्जाम सेंटर्स ऐसे हैं जहां बोलकर नकल कराया जा रहा है। एक नंबर से लेकर दस नंबर तक के सवाल मुंह जबानी ही सॉल्व करा दिए जा रहे। यह अलग बात है कि उड़ाका दल भ्रमण पर निकल तो रहा है लेकिन एक भी नकलची हाथ नहीं लग रहे। इसके पीछे कारण यह है कि नकल रोकने के लिए गठित सचल दस्ते को अब तक सिर्फ एक वाहन ही मिल सका है। जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते एग्जाम में नकल रोकने के लिए सचल दस्ते को जुगाड़ के वाहन पर सवार होना पड़ रहा है। खास बात यह है कि शासन ने सचल दस्ते के वाहन में पेट्रोल व डीजल के मद में 60 हजार रुपये की स्वीकृति दी है। जबकि एक सचल दस्ता का वाहन एक दिन में एक हजार रुपये का पेट्रोल व डीजल फूंक रहा है। इस प्रकार एक दिन की परीक्षा में छह हजार रुपये तेल के मद में खर्च आ रहा है। इस तरह दस दिन में ही 60,000 रुपये खर्च होने की संभावना जताई जा रही है। जबकि इंटर की परीक्षाएं करीब 26 दिन चलेंगी।

दो वाहनों से चल रहा काम

बता दें कि एग्जाम में नकल रोकने के लिए जिला स्तर पर छह सचल दस्ते बनाये गए हैं। दस्ते के लिए डीआईओएस ने जिला प्रशासन से पांच वाहन मांगे थे। डीएम योगेश्वर राम मिश्र के निर्देश के बावजूद शिक्षा विभाग को अब तक सिर्फ एक वाहन मिला है। डीआईओएस व बीएसए अपने-अपने वाहन से सेंटर का दौरा कर रहे हैं। वाहन न मिलने के कारण डीआईओएस ऑफिस की एक पुरानी जीप को सचल दस्ते में शामिल कर लिया गया है। इस प्रकार मात्र दो वाहनों से ही काम चलाया जा रहा है।

एक नजर

06

उड़ाका दल बनाए गए हैं डिस्ट्रिक्ट में

01

वाहन मिला है उड़ाका दल के लिए

60

हजार रुपये स्वीकृत है पेट्रोल-डीजल के लिए

01

हजार रुपये प्रतिदिन खर्च है ईधन में

26

दिन चलना है बोर्ड एग्जाम