अनुशासनहीनता, मारपीट व कै6पस में अराजकता के आरोपियों का है मामला

बोर्ड ऑफ डिसीप्लिन के समक्ष छात्रनेताओं ने र2ा पक्ष

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में फ्राइडे को बोर्ड ऑफ डिसीप्लिन की बैठक हुई। इसमें हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में आनंद कुमार सिंह नि1कू व नीरज प्रताप सिंह को अपना पक्ष र2ाने का अवसर प्रदान किया गया। वि5िान्न तरह के आरोपों में निष्कासित आनंद व नीरज ने अनुशासन समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात कही और प्रत्यावेदन 5ाी सौंपा है।

पहले 4लैक लिस्टेड फिर हुआ ए1शन

हालांकि, अ5ाी 5ाी निष्कासन मामले में कोई अंतिम फैसला नहीं हो सका है। बोर्ड ऑफ डिसीप्लीन ने दोनों का पक्ष सुनने के बाद इस मामले की सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने कै6पस में अराजकता के आरोप में तीन छात्रनेताओं को पांच साल के लिये निष्कासित एवं तीन बाहरी तत्वों के कै6पस में प्रवेश पर पांच साल के लिए बैन लगाया था। वहीं स5ाी को चीफ प्रॉ1टर ने 4लैक लिस्टेड 5ाी किया था। इनमें छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, छात्रनेता नीरज प्रताप सिंह एवं आनंद सिंह नि1कू को निष्कासित किया गया था। वहीं एनएसयूआई के वरिष्ठ पदाधिकारी विवेकानंद पाठक, ल2ानऊ यूनिवर्सिटी के तत्कालीन छात्र व इविवि के पूर्व उपमंत्री अंकुश यादव एवं सूर्य प्रकाश मिश्र पर बैन लगाया गया था।

प्रो। आरके सिंह की कमेटी ने की थी संस्तुति

इससे पहले 4लैक लिस्टेड किए जाने के 2िालाफ नीरज प्रताप सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गये। हाईकोर्ट ने आरोपियों का पक्ष 5ाी सुनने का आदेश दिया था। छात्रनेताओं ने विवि प्रशासन पर बिना उनका पक्ष सुने एकतरफा फैसला देने का आरोप लगाया था। इसके बाद विवि प्रशासन ने दोनों छात्रनेताओं को शुक्रवार को बुलाया था। इस मामले में अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। मालूम हो कि उपरो1त छात्रनेताओं पर कार्रवाई की संस्तुति प्रो। आरके सिंह, प्रो। एसए अंसारी, प्रो। एमपी सिंह, प्रो। बेचन शर्मा और प्रो। बीके राय की जांच कमेटी ने की थी। जिसके बाद तत्कालीन रजिस्ट्रार और वर्तमान में एफओ प्रो। एनके शु1ला ने कार्रवाई की बावत आदेश जारी किया था।

आरोपियों ने दर्ज कराई है ये आपत्तियां

-अनुशासन समिति में कोई ऐसा सदस्य उपस्थित नहीं था जो विश्वविद्यालय के बाहर का हो और कार्यपरिषद का सदस्य हो।

-समिति की बैठक की हाईकोर्ट के आदेशानुसार वीडियो रिकॉर्डिग नहीं कराई गई।

-कुलपति द्वारा नामित सदस्य प्रो। आरके सिंह जो पूर्व में जांच समिति में अध्यक्ष थे। उनपर अनेकों प्रकार के आरोप हैं। उनकी उपस्थिति आपत्तिजनक है।

-डीन आ‌र्ट्स प्रो। केएस मिश्र जोकि जांच में 2ाुद एक पक्ष थे। उनकी उपस्थिति 5ाी आपत्ति योग्य है।

- कुलपति के 2िालाफ 2ाुद कई गं5ाीर आरोप हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित जांच कमेटी उनके 2िालाफ जांच कर रही है। ऐसे में कुलपति कैसे बोर्ड ऑफ डिसिप्लिन की बैठक कर सकते हैं ?