डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को जारी किया लेटर

RANCHI : राज्य भर के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को मिले बॉडीगार्ड वापस लिए जाएंगे। इस बाबत डीजीपी की ओर से सभी जिलों के एसपी को लेटर भेजा जा चुका है। पुलिस मुख्यालय के इस फैसले से ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेटों में खासी नाराजगी है। नाम नहीं छापे जाने की शर्त पर कुछ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेटों ने बताया कि सरकार एक ओर छोटे नेताओं को भी बॉडीगार्ड उपलब्ध करा रही है और दूसरी तरफ हमारे बॉडीगार्ड वापस लिए जा रहे हैं। ऐसे में नक्सल प्रभावित जिलों अथवा सब डिवीजन में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेटों पर किसी तरह हमला होता है तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा?

क्वार्टरों में नहीं है सुरक्षा

जजों के क्वार्टरों में भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। कोई भी अपरिचित आदमी क्वार्टर कैंपस में आसानी से घुस सकता है। इसे रोकने अथवा पूछताछ करने के लिए किसी की तैनाती नहीं रहती है।

रिम्स के दूसरे तल्ले से कूदा मरीज

रिम्स के दूसरे तल्ले पर स्थित बर्न वार्ड से कूदकर सुनील उरांव नाम के एक मरीज ने जान देने की कोशिश की। वह लोहरदगा का रहनेवाला है। मरीज के परिजनों ने बताया कि 24 जून को करंट लगने से वह जख्मी हो गया था। इसके बाद उसे इलाज के लिए रिम्स लाया गया था। यहां बर्न वार्ड में डॉ साकेतन भगत की देखरेख में उसका ट्रीटमेंट चल रहा था। रविवार की आधी रात में वह वार्ड से निकलकर बर्न वार्ड के कॉरिडोर में पहुंचकर कूद गया। उसके कूदे जाने के बाद बरामदे में सो रहे मरीज के परिजनों ने हल्ला करना शुरू कर दिया। इसके बाद उसे सेंट्रल इमरजेंसी में लाया गया। मिली जानकारी के मुताबिक वह मानसिक रूप से बीमार चल रहा है। ऐसे में वह आत्महत्या करने की नीयत से कूद गया था। सोमवार को परिजन उसे अपने साथ ले गए