‘सूरमा भोपाली’  फिल्म बना डाली
हास्य अभिनेताओं में गिने जाने वाले सइद इश्तियाक अहमद जाफरी उर्फ जगदीप का हाव भाव काफी अलग है. अपने हाव भाव से दर्शकों को हंसाने वाले जगदीप ने जब अपना यह अंदाज अपनाया था उस समय यह काफी ट्रिपिकल था. उन्होंने उस दौर में काम किया जब फिल्म उद्योग में महमूद, जॉनी वाकर, घूमल, केश्टो मुखर्जी जैसे बड़े बड़े कॉमेडियन मौजूद थे. करीब 300 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके जगदीप ‘शोले’, मच्छर इन पुराना मंदिर (1984), अंदाज अपना-अपना (1994), फिर वही रात, कुरबानी, शहनशाह, जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं. हालांकि  (1975) में आयी फिल्म ‘शोले’ ने उन्हें एक अलग पहचान दिलायी. इसी के बाद से हास्य अभिनेता जगदीप को उनके नाम से कम बल्कि शोले के ‘सूरमा भोपाली’ के रूप में लोग ज्यादा जानते हैं. सबसे खास बात तो यह है कि आज भी अगर लोग जगदीप को याद करते हैं तो शोले में निभाया गया यह किरदार कभी नहीं भूलते. सूरमा भोपाली का रोल इतना फेमस हुआ कि इसी नाम से जगदीप ने एक फिल्म का निर्देशन भी कर दिया.

शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में
हास्य अभिनेता सइद इश्तियाक अहमद जाफरी जन्म 19 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में हुआ. इसके अलावा इन्हें बचपन से ही जगदीप नाम से भी जाना जाता रहा. जगदीप ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में बी.आर. चोपड़ा की फिल्म अफसाना से की. उसके बाद उन्हें के.ए. अब्बास, विमल राय ने भी मौके दिए. जगदीप विमल रॉय की फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ में कॉमिक रोल में दिखे. इस फिल्म ने उन्हें एक नई पहचान दी. इसके अलावा इनके दोनों बेटे हास्य कलाकार जावेद और नावेद जाफरी भी आज बॉलीवुड में नाम कमा रहे हैं. इनके बेटों ने ही ‘बूगी-बूगी’ जैसे लोकप्रिय कार्यक्रम को होस्ट किया है. 

‘सूरमा भोपाली’ फिल्म बना डाली
हास्य अभिनेताओं में गिने जाने वाले सइद इश्तियाक अहमद जाफरी उर्फ जगदीप का हाव भाव काफी अलग है. अपने हाव भाव से दर्शकों को हंसाने वाले जगदीप ने जब अपना यह अंदाज अपनाया था उस समय यह काफी ट्रिपिकल था. उन्होंने उस दौर में काम किया जब फिल्म उद्योग में महमूद, जॉनी वाकर, घूमल, केश्टो मुखर्जी जैसे बड़े बड़े कॉमेडियन मौजूद थे. करीब 300 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके जगदीप ‘शोले’, मच्छर इन पुराना मंदिर (1984), अंदाज अपना-अपना (1994), फिर वही रात, कुरबानी, शहनशाह, जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं. हालांकि  (1975) में आयी फिल्म ‘शोले’ ने उन्हें एक अलग पहचान दिलायी. इसी के बाद से हास्य अभिनेता जगदीप को उनके नाम से कम बल्कि शोले के ‘सूरमा भोपाली’ के रूप में लोग ज्यादा जानते हैं. सबसे खास बात तो यह है कि आज भी अगर लोग जगदीप को याद करते हैं तो शोले में निभाया गया यह किरदार कभी नहीं भूलते. सूरमा भोपाली का रोल इतना फेमस हुआ कि इसी नाम से जगदीप ने एक फिल्म का निर्देशन भी कर दिया.

 

शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में
हास्य अभिनेता सइद इश्तियाक अहमद जाफरी जन्म 19 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में हुआ. इसके अलावा इन्हें बचपन से ही जगदीप नाम से भी जाना जाता रहा. जगदीप ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में बी.आर. चोपड़ा की फिल्म अफसाना से की. उसके बाद उन्हें के.ए. अब्बास, विमल राय ने भी मौके दिए. जगदीप विमल रॉय की फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ में कॉमिक रोल में दिखे. इस फिल्म ने उन्हें एक नई पहचान दी. इसके अलावा इनके दोनों बेटे हास्य कलाकार जावेद और नावेद जाफरी भी आज बॉलीवुड में नाम कमा रहे हैं. इनके बेटों ने ही ‘बूगी-बूगी’ जैसे लोकप्रिय कार्यक्रम को होस्ट किया है. 

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