कभी राजनीति से दूर भागने वाला मनोरंजन जगत अब इससे हाथ मिलाने को तैयार है. कई कलाकार सोशल मीडिया पर चुनावी माहौल पर चर्चा कर रहे हैं तो कुछ ने सीधे इस चुनावी अखाड़े में कूदने का फ़ैसला कर लिया है. एक नज़र ऐसी ही कुछ अभिनेताओं पर जिन्होंने नेता बनने की ठान ली है.

किरण खेर

Kirron Kher

किरण खेर हिंदी फ़िल्मों में चरित्र भूमिकाएं और कॉमेडी रोल करने के लिए मशहूर हैं. उन्हें बेहतरीन अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है. किरण खेर ने भारतीय जनता पार्टी से साल 2009 में अपना नाता जोड़ा और पार्टी के समर्थन में प्रचार करना शुरू कर दिया.

राजनीति से जुड़ने की वजह बताते हुए उन्होंने बीबीसी से कहा, "मुझे राजनीतिक माध्यम पसंद है क्योंकि ये मुझे मौक़ा देता है अपने आप को अभिव्यक्त करने के लिए. मैंने 15 साल तक टीवी पर लोक सभा की बहस देखी है."

हालांकि बीबीसी से कुछ दिनों पहले हुई इस मुलाक़ात में किरण ने साफ़ कहा था कि उन्हें चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है. लेकिन अब वो बड़ी शान से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चंडीगढ़ से ना सिर्फ़ चुनाव लड़ रही हैं बल्कि ज़ोर-शोर से प्रचार भी कर रही हैं.

बप्पी लाहिड़ी

Bhappi Da

70 और 80 के दशक के जाने-माने संगीतकार बप्पी लाहिड़ी भी बड़े उत्साह से राजनीति के समंदर में डुबकी लगाने के लिए तैयार हैं. बप्पी, भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.

वो कहते हैं, "चुनावी अखाड़े में मैं तो बहुत देरी से आया. मुझसे पहले अमिताभ बच्चन जी, विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, हेमा मालिनी जी राजनीति में क़िस्मत आज़मा चुके हैं. हम फ़िल्म तो करते ही रहेंगे, पर देश की सेवा करनी भी ज़रूरी है. राजनीति तब तक बुरी नहीं है जब तक आपने कोई घपला नहीं किया हो और हम फ़िल्म स्टार्स की काफ़ी फ़ेस वैल्यू होती है."

राखी सावंत

Rakhi Sawant

राखी सावंत ने टीवी पर कई साल धमाका करने के बाद अब राजनीति का रुख़ किया. वो भारतीय जनता पार्टी के नेता राजनाथ सिंह से भी मिली और मुस्कुराकर फ़ोटो खिंचाए. चुनाव लड़ने में दिलचस्पी भी साफ़ ज़ाहिर की. नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ़ की और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ़ तीखी बयानबाज़ी की.

लेकिन बात नहीं बनी. भारतीय जनता पार्टी से जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो अपनी ही एक पार्टी बना डाली जिसका नाम दिया राष्ट्रीय आम पार्टी और चुनावी मैदान में कूदने का ऐलान कर डाला. वो उत्तर-पश्चिम मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं.

राखी दावा करती हैं कि वो इस इलाक़े के लिए बरसों से काम करते आ रही हैं और उन्हें वहां की जनता का भरपूर समर्थन है. राजनीति में उतरने के बाद राखी ने ऐलान कर दिया है कि वो फ़िल्मों में आइटम सॉन्ग कतई नहीं करेंगीं.

बाबुल सुप्रियोBabul Supriyo
फ़िल्म 'कहो ना प्यार है' से अपने गायन करियर का सुपरहिट आग़ाज़ करने वाले बाबुल सुप्रियो पश्चिम बंगाल के आसनसोल से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बाबुल का मानना है, "संगीत और राजनीति दोनों समान हैं. संगीत लोगों के दिलों को सुकून पहुंचाता है और राजनीति में आकर हम लोगों की तक़लीफ़ें दूर कर सकते हैं."

बॉलीवुड में गायन के सवाल पर बाबुल कहते हैं, "मीका और हनी सिंह जैसे गायकों के आ जाने से और रॉयल्टी के विवाद की वजह से अब गायकों का काम बहुत कम मिल रहा है. इसलिए वो अब दूसरी जगह अपना हाथ आज़मा रहे हैं लेकिन मेरे राजनीतिक सफ़र को पेशे का नाम ना दें क्योंकि राजनीति मेरी रोज़ी रोटी नहीं है." उन्होंने ये भी कहा कि जो वादे वो लोगों से कर रहे है अगर उन्हें पूरा करने नहीं दिया गया तो वो राजनीति छोड़ देंगे.

मुन मुन सेनMoon Moon Sen
गुज़रे ज़माने की मशहूर अभिनेत्री सुचित्रा सेन की बेटी अभिनेत्री मुन मुन सेन ने मार्च में तृणमूल कांग्रेस से अपना नाता जोड़ा और लोक सभा चुनाव में वो पश्चिम बंगाल के बांकुरा से चुनाव लड़ेंगी.

इसके अलावा गुल पनाग, परेश रावल, महेश मांजरेकर, रवि किशन और जावेद जाफ़री जैसे सितारे भी चुनावी समर में कूद पड़े हैं. हेमा मालिनी तो पहले से ही राजनीति के मैदान में सक्रिय है.

वैसे बॉलीवुड सितारों को राजनीति रास ही आ जाए ऐसा भी नहीं है. इससे पहले अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसे बड़े सितारों ने राजनीति में पैर जमाने की कोशिश की और चुनाव में भी विजय पाई लेकिन वो स्थापित राजनेता नहीं बन पाए और जल्द ही राजनीति को अलविदा कह दिया. इतिहास देखें तो ऐसे कई सितारे हैं जिन्हें राजनीति रास नहीं आई और हमेशा के लिए उन्होंने राजनीति को अलविदा कह दिया.

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